द फॉलोअप नेशनल डेस्क:
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस के अनुसार परिवार के छोटे बेटे ने अपनी मां, भाई, भाभी, 2 भतीजी और भतीजे की हत्या की थी। इसके बाद दूसरी कहानी बताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। मृतक अनुराग के साले के आरोप पर जांच करते हुए पुलिस ने पूछताछ की तो सारी सच्चाई सामने आ गई। लखवऊ रेंज को आईजी ने खुद इस मामले की जानकरी दी है।
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
लखनऊ रेंज के आईजी तरूण गाबा ने कहा ''10 और 11 तारीख की मध्यरात्रि को रामपुर थानाक्षेत्र में एक बहुत ही गंभीर अपराध हुआ, जिसमें परिवार के 6 सदस्यों की हत्या कर दी गई। मृतकों में से एक के भाई ने कहा कि मृतक अनुराग ने परिवार के 5 लोगों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली। जांच के बाद पता चला कि मृतक का भाई हमें गुमराह कर रहा है। सच तो यह है कि कोई आत्महत्या नहीं हुई थी और अनुराग की भी हत्या की गई थी। बाद में पता चला कि अनुराग के भाई अजीत ने यह अपराध किया था।"
पिता के तमंचे से मारा
गौरतलब है कि अजीत सिंह ने अपने पिता के ही अवैध तमंचे से ही इस इस हत्याकांड को अंजाम दिया है। उसे पता था कि पिता का तमंचा मां के पास रहता है। उसने पहले तमंचे को मां के पास से चुराया और फिर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। अजीत ने इस घटना को अंजाम देने के बात पुलिस को फोन कर भाई अनुराग पर ही इस इस हत्याकांड को अंजाम देकर आत्महत्या कर लेने की सूचना दी थी। लेकिन बाद में पोस्टमार्ट रिपोर्ट में सबकुछ साफ हो गया।
क्या रही वजह
पुलिस की माने तो इस पूरे कांड में जमीन विवाद, कर्ज चुकाने के लिए पैसों की जरूरत अहम वजह रही। दरअसल, मृतक के पिता के खेती पर लिए गए 24 लाख के लोन को भाभी (मृतक प्रियंका) जमीन बेचकर चुकाना चाहती थी। जबकि, हत्यारोपी अजीत इसके खिलाफ था। अजीत सिंह चाहता था खेती से होने वाली कमाई से लोन भरा जाए। जमीन नहीं बेची जाए। वह बड़े भाई अनुराग और भाभी प्रियंका से चिढ़ता था। उसे लगता था कि दोनों हक मार रहे हैं वह करीब 40 बीघे जमीन के बंटवारे से भी खुश नहीं था।
भाई-भाभी को मारना चाहता था
लोन और संपत्ति बंटवारे के तरीके के अलावा उपेक्षा के चलते भी अजीत परेशान था। अजीत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अजीत ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया था। आरोपी ने कुबूला कि वह भाई और भाभी की ही हत्या करना चाहता था, लेकिन मां के जागने की वजह से उसे मारना पड़ा। तीनों बच्चों को कमरे में ले जाकर अजीत ने समझाने की कोशिश की कि पिता ने मां और दादी की हत्या के बाद खुद आत्महत्या कर ली, मगर बच्चे चिल्लाने लगे तो बाद में उन्हें भी मार डाला।