द फॉलोअप डेस्क
नीट पेपर लीक मामले में आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है नीट की परीक्षा फिर होगी या नहीं, इसपर आज फैसला आ सकता है। कोर्ट ने विवादों से घिरी नीट-यूजी परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि इसके सामाजिक प्रभाव हैं। वहीं सुनवाई के दौरान सरकार ने अपने तीन गलतियों को माना है। NTA ने माना है कि 3300 से ज्यादा स्टूडेंट्स को गलत पेपर दिया गया था। इन्हें SBI की जगह केनरा बैंक का पेपर बांटा गया था। इस साथ ही सरकार ने आज अदालत में 2 अन्य गलतियों को भी माना है।
सरकार ने मानी अपनी 3 गलती
NTA ने माना कि 8 सेंटर के 3000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को गलत पेपर दिया गया था। इन्हें SBI की जगह केनरा बैंक का पेपर बांटा गया था।
हरियाणा के झज्जर में तीन सेंटर्स पर केनरा बैंक के पेपर बांटे। दो सेंटर्स पर से गलती का अहसास होने पर इसे वापस ले लिया गया। एक सेंटर पर गलत पेपर पहुंचा।
झज्जर के हरदयाल स्कूल में कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए। जबकि यहां पेपर सही दिया गया था। यह एक गलती थी, बाद में सुधार लिया गया।
लीक स्थानीय है या व्यापक इसे होगा देखना
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत को यह देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय है और केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है या यह व्यापक और योजनाबद्ध है। याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि एनटीए के अनुसार 24 अप्रैल को पेपर भेजे गए और 3 मई को पेपर बैंक में पहुंच गए। इसलिए 24 अप्रैल से 3 मई के बीच पेपर निजी लोगों के हाथों में रहे।