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अजब-गजब : इस मंदिर में होती है कुत्ते की पूजा, पूरी कहानी जानकर भावुक हो जाएंगे आप

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डेस्क: 

सालों से ये बात चलती आई है कि कुत्ते, इंसान के सबसे वफादार दोस्त होते हैं। कुत्ते, कई बार अपने मालिक का साथ, उसके नाते-रिश्तेदारों से भी ज्यादा बढ़कर निभाते हैं। इंसानों और कुत्तों के बीच की दोस्ती सदियों पुरानी है। यही वजह है कि अक्सर कुत्तों और इंसानों के बीच भरोसे और विश्वास की ऐसी कहानियां सामने आती है कि लोग भावुक हो जाते हैं। कहा जाता है कि आप जिंदगी अलग-अलग जंग में हारें या जीतें, आपके आसपास मौजूद इंसान आपको जज करने लगता है लेकिन आपका पालतू कुत्ता आपके प्रति उतना ही वफादार बना रहता है चाहे कुछ भी हो। 

तमिलनाडु से सामने आई भावुक करने वाली कहानी
कुत्तों और इंसानों के बीच दोस्ती, विश्वास और अनकहे रिश्ते की ऐसी की एक सच्ची कहानी सामने आई है तमिलनाडु से। मामला तमिलनाडु के शिवगंगा जिला स्थित मनामदुरई गांव का है। यहां 82 वर्षीय मुत्थू नाम के व्यक्ति ने अपने पालतू कुत्ते टॉम की याद में मंदिर बनाया है। मंदिर में बकायदा टॉम की प्रतिमा लगी है। दूर-दराज से लोग टॉम की प्रतिमा को देखने आते हैं और मुत्थू तथा टॉम के बीच अटूट रिश्ते की मिसालें देते हैं। ये काफी भावुक करने वाला होता है। 

पालतू कुत्ते टॉम की याद संजोने को बनाई उसकी प्रतिमा
रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी मुत्थू ने अपने फार्म में टॉम की प्रतिमा बनाई है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मुत्थू ने बताया कि उनका पालतू कुत्ता टॉम साल 2010 से ही उनके पास रहता आया था। मुत्थू बताते हैं कि, टॉम को वे अपने बच्चों की तरह ही प्यार करते थे। टॉम काफी वफादार औऱ प्यारा भी था। साल 2021 में टॉम का निधन हो गया। ऐसे में टॉम की यादों को संजोने के लिए उनको उसकी प्रतिमा और मंदिर बनाने का फैसला किया। टॉम की प्रतिमा मार्बल से बनी है।

 


टॉम बताते हैं कि उनके परिवार की पिछली तीन पीढ़ियां डॉग लवर रही हैं। मुत्थू ने कहा कि मेरे दादाजी और पिताजी भी डॉग लवर थे। उनके परिवार में हर किसी के पास अपना पालतू कुत्ता है। उनका भावनात्मक लगाव है। 

शुक्रवार को जाकर टॉम की प्रतिमा देख सकते हैं लोग
मुत्थू के बेटे मनोज ने बताया कि टॉम को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हुई। उसका इलाज हुआ लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 2021 में उसकी मौत हो गई। मेरे पिता ने तय किया कि टॉम की याद में एक मंदिर बनाया जाएगा। आखिरकार अपनी बचत में से 80 हजार रुपये खर्च करके मेरे पिता ने टॉम की मार्बल की मूर्ति लगवाई। उन्होंने कहा कि लोग प्रत्येक शुक्रवार को आकर टॉम की प्रतिमा को देख सकते हैं। गौतलब है कि इलाके के काफी लोगों को ये मंदिर और टॉम की प्रतिमा आकर्षित करती है।