द फॉलोअप डेस्क
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के लिए अलग से स्मारक बनाने की मांग की कड़ी आलोचना की है। बता दें कि शर्मिष्ठा ने कहा है कि जब उनके पिता प्रणब मुखर्जी का साल 2020 में निधन हुआ था। तब कांग्रेस की ओर से न तो कोई शोक सभा आयोजित की गई। न ही कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बुलाई गई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें गुमराह किया था।
बता दें कि देश के पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का 27 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से मनमोहन सिंह के योगदान को सम्मानित करने के लिए एक स्मारक बनाने की अपील की थी।
When baba passed away, Congress didnt even bother 2 call CWC 4 condolence meeting. A senior leader told me it’s not done 4 Presidents. Thats utter rubbish as I learned later from baba’s diaries that on KR Narayanan’s death, CWC was called & condolence msg was drafted by baba only https://t.co/nbYCF7NsMB
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) December 27, 2024
क्या कहा शर्मिष्ठा ने
कांग्रेस पर भड़कीं शर्मिष्ठा ने कहा कि एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता द्वारा उन्हें यह बताया गया था कि भारत के राष्ट्रपति के लिए शोक सभा का आयोजन नहीं किया जाता है। इस पर उन्होंने इस बात को पूरी तरह बेतुका और निराधार करार दिया। शर्मिष्ठा ने बताया कि वह अपने पिता के डायरी में पढ़ चुकी हैं कि जब पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन का निधन हुआ था, तो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी। इसमें शोक संदेश खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था।
अपनी बात कहते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सीआर केसवन के एक पोस्ट का हवाला दिया है। इसमें बताया गया था कि कांग्रेस ने पार्टी के अन्य नेताओं को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे।जानकारी हो कि उक्त मुद्दे पर डॉ मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारू की किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पुस्तक का भी उल्लेख किया गया। इसमें यह जिक्र किया गया था कि कांग्रेस नेतृत्व ने कभी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जिनका 2004 में निधन हो गया था, उनके लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनाया। इसके अलावा पुस्तक में यह भी दावा किया गया था कि कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के दाह संस्कार को दिल्ली में करने के बजाय हैदराबाद में करने का प्रयास किया था।