द फॉलोअप डेस्क
बाबा रामदेव की पंतजलि पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। सुनवाई के दौरान जस्टिस अमानुल्लाह ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी पतंजलि ने विज्ञापन लाने का साहस कैसे किया। आप कोर्ट को लगातार उकसा रहे हैं। इसलिए हम सख्त आदेश प्रारित करने जा रहे हैं। वहीं इस दौरान SC ने सरकार को भी जमकर सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पूरे देश को धोखा दिया जा रहा है लेकिन सरकार आंख मूंद कर बैठी है। इसके साथ ही कोर्ट ने पतंजलि के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी की है। अब मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।
अवमानना नोटिस का जवाब के लिए 3 हफ्ते का समय
कंपनी के विज्ञापन कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाते हैं, जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का मानना है कि गलत दावे के साथ विज्ञापन चलाए जाते हैं। अवमानना नोटिस का जवाब देने के लिए कोर्ट ने कंपनी और उनके मालिक बालाकृष्णन को 3 हफ्ते का समय दिया है।
2022 में IMA ने दायर की थी याचिका
IMA की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कहा कि पतंजलि ने योग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को 'पूरी तरह से ठीक' करने का दावा किया था। गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 2022 में पतंजलि के खिलाफ ये याचिका दायर की थी। IMA की शिकायत के अनुसार बाबा रामदेव के सोशल मीडिया पर कथित तौर पर एलोपैथ और डॉक्टरों को गलत तरीके से दिखाया गया है। इसमें आम जनता को गुमराह किया जा रहा है। जिसके बाद कोर्ट ने कहा था कि ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगा सकता है।
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