द फॉलोअप नेशनल डेस्क
लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस और सपा ने घोषणा की है कि दोनों पार्टियां प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को भी मिलकर लड़ेंगी। पार्टी स्तर पर इसके लिए सीटों का बंटवारा भी हो गया है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि खबर लिखे जाने तक नहीं हुई है। लेकिन माना जा रहा है कि अंतिम रूप से दोनों ओर के शीर्ष नेताओं ने इस पर मुहर लगा दी है। बता दें कि यूपी में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से अधिकतर सीटें यहां के विधायकों के सांसद बन जाने से खाली हुई हैं।
इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
मिल्कीपुर सीट, सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अयोध्या में है। मीरापुर, रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे से खाली हुई है। कुंदरकी, सपा के जियाउर्रहमान बर्क के इस्तीफे से खाली हुई है। गाजियाबाद, भाजपा के अतुल गर्ग के इस्तीफे से खाली हुई है। खैर, भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि के इस्तीफे से खाली हुई है। फूलपुर, भाजपा सांसद प्रवीण पटेल के इस्तीफे से खाली है। कटेहरी, सपा के लालजी वर्मा के इस्तीफे से खाली हुई है। मझवां, निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफे से खाली हुई है। शीशामऊ, सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा से खाली हुई है। करहल, अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई है।
2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
यूपी की सियासत पर नजदीक से नजर रखने वालों का मानना है कि ये उपचुनाव 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल है। इस उपचुनाव में सभी 10 सीटें जीतने का भाजपा ने लक्ष्य बनाया है। पार्टी ने इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी। 10 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए 30 मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसमें 14 कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। मिली खबर के मुताबिक अखिलेश यादव की सीट और अयोध्या की मिल्कीपुर सीट जीतने पर सबसे अधिक जोर है।