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भूखल घासी समेत दो बच्चों की मौत का मामला: हाईकोर्ट ने स्वतः लिया संज्ञान, सरकार से 27 नवंबर तक मांगा जवाब

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में बहुचर्चित भूखल घासी और उसके दो बच्चों की मौत के मामले में अब झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने स्वतः संज्ञान ले लिया है। अदालत ने बोकारो जिले के कसमार प्रखंड की करमा पंचायत में शंकरडीहा गांव के रहनेवाले भूखल घासी और उसके दो बच्चों की मौत मामले को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को नोटिस भी जारी किया है। नोटिस में अदालत ने 27 नवंबर से पूर्व राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। सरकार के जवाब के बाद इस मामले की आगे सुनवाई होगी।

चीफ जस्टिस को लिखा गया है पत्र
बता दें कि आस्था विकास केंद्र, तेनुघाट के जिला सचिव गुलाब चंद्र प्रसाद ने इस घटना की पूरी जानकारी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखित रूप में दी थी। पत्र में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का हवाला दिया गया है। हाईकोर्ट ने उनके पत्र और अखबारों में प्रकाशित समाचार को बहुत गंभीरता से लिया है। पत्र में बताया गया कि बोकारो के शंकरडीहा गांव में भूखल घासी की 12 वर्षीय बेटी राखी कुमारी की तथाकथित भूख से मौत की खबर प्रकाशित हुई थी। इसके अलावा समाचार पत्रों की दूसरी कटिंग में कुछ दिन पहले मई में भूखल घासी के 20 वर्षीय बेटे निकेत घासी की मौत की भी जानकारी दी गई है। इससे पूर्व मार्च में भूखल घासी की मौत की खबर प्रकाशित हुई थी। इस तरह एक ही परिवार के 3 लोगों की तथाकथित भूख से मौत मामला न्यायाधीश के सामने लाया गया था।

विधानसभा में भी उठा था मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले झारखंड विधानसभा सत्र में भूखल घासी की मौत का मामला उठाया गया था। इस मामले को चंदनकियारी के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने सरकार से जवाब मांगा था। सदन में हंगामे के दौरान अमर बाउरी ने इसकी जांच कराकर भूखल घासी परिवार के साथ इंसाफ करने की मांग की थी। इसके बाद ऐसा लगा था कि यह मामला दब गया है, लेकिन कोर्ट द्वारा संज्ञान लिए जाने से अब उम्मीद की जगी है कि भुक्तभोगी परिवार के साथ इंसाफ होगा।