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काल भैरव की मौत का जिम्मेदार कौन ? जवाब है तू-तू मैं-मैं

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द फॉलोअप टीम, लातेहार:
बेजुबान की मौत के बाद जिला प्रशासन और वन विभाग एक दूसरे इसके लिए जिम्मेदार मान रहा है। मीडिया से बात करते हुए बरवाडीह के बीडीओ ने कहा इस मामले में बेतला रेंज के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती गई। हाथियों को घनी आबादी के बीच न रखकर जंगल में रखा गया। इस बयान के बाद वन विभाग ने बीडीओ साहब को सोच समझकर बोलने की सलाह दी है। इतना हीं नहीं डीसी को भी पत्र लिखकर बीडीओ साहब की शिकायत की गई है। 

क्या होता तब जब होती अप्रिय घटना
पलामू व्याघ्र परियोजना के उप निदेशक ने सवाल उठाया कि घनी आबादी के बीच यदि पालतू हाथी उग्र होकर जान-माल की क्षति करते हैं तो क्या प्रखंड विकास पदाधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। उपायुक्त को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि बरवाडीह के प्रखंड कहा, प्रखंड विकास पदाधिकारी को वन्य प्राणी संरक्षण के कार्य में अपना मंतव्य देने का न तो कोई अधिकार प्राप्त है और न ही उन्हें इस संदर्भ में कोई प्रशिक्षण प्राप्त है। इस तरह का बयान देकर वे लोगों के बीच भ्रांति फैला रहे हैं जो कि गैर जिम्मेदाराना रवैया है। प्रेषित पत्र में यह भी कहा गया कि टाइगर रिजर्व की पूर्ण जिम्मेदारी वहां के क्षेत्र निदेशक की होती है।

कैसे हुई काल भैरव की मौत
पलामू व्याघ्र परियोजना में पालतू हाथी काल भैरव को दो जंगली हाथियों ने मार डाला। कियोंकि काल भैरव जंजीर में बंधा हुआ था इस लिए वे भाग नहीं पाया। मौत के लिए कौन दोषी है, इस पर अफसरों में जुबानी जंग छिड़ी है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है, एक-दूसरे को हदें बताई जा रही हैं।