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झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों से बंद रहने के बावजूद ले ली गई मेस फी-राज पाठक

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द फ़ॉलोअप टीम, रांची:

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष राज पाठक ने छात्र हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर प्रशासनिक भवन में ज्ञापन सौंपा। जिसमें 45 दिवसीय ग्रीष्म ऋतू प्रशिक्षुता (समर इंटर्नशिप) मेस फ़ीस वापसी (सन 2019) करने की मांग की है। करोना 2020 के दौरान मार्च से मेस बंद होने के बाद का मेस शुल्क वापसी नहीं हुई है। राजनीति एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग के शोध छात्रों के लिए प्रयोगशाला न होने पर भी प्रयोगशाला शुल्क ले लिया गया है। वहीं शोध छात्रों का एक ही सेमेस्टर का कोर्स वर्क होने के बावजूद हर सेमेस्टर परीक्षा शुल्क लिया गया। छात्रावास में रह रहे शोध छात्रों के लिए मेस की सुविधा न होने जैसी मूलभूत सुविधा न होने की बात भी ज्ञापन में कही गयी है। 

 

 

पहले जैसी सुविधा जल्द से जल्द बहाल हो 
पुस्तकालय में पुस्तकों का न होना तथा पुस्तकालय का पठन समय बढ़ाने समेत मेडिकल की व्यवस्था सुदढ़ करने की भी मांग की गयी है।  मार्च 2020 से मई 2020 के दौरान बस फ़ीस वापस करने के लिए आग्रह किया गया है। कॉलेज में नए कैंपस बने के बाद  सुबह 11 बजे से ब्राम्बे कैम्पस से चेरी मनातु कैम्पस में छात्रों के लिए यातायात सुविधा उपलब्ध करवाई जाएं।  शोधार्थियों की अध्येतावृत्ति (फेलोशिप) समय से ना मिलने से छात्रों को होने वाली दिक्‍कत से भी अवगत कराया गया है। आर टी आई का जबाब न मिलने, साइबर पुस्तकालय तथा वाई फाई जैसी समस्याएं हैं में सुधार करने की मांग रखी गयी है।  

 

क्या कहना है अभाविप का
राज पाठक ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय की इकाई सदैव छात्र हितों के मुद्दों को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखती आई है, तथा आगे भी रखेगी। इसी सन्दर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 13 बिंदु पर अपनी बात रखी है। अब कुलपति के तरफ से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है ये देखने वाली बात होगी।