द फॉलोअप टीम, रांची :
झारखंड में कोरोना (corona) का संक्रमण धीरे-धीरे कम होता दिखाई दे रहा है। पॉजिटिव मरीजों (positive patients) की संख्या में कमी हुई वहीँ, पोस्ट कोविड मरीजों के लिए खतरा बनता जा रहा है। गुरुवार को सदर अस्पताल ओपीडी (Sadar Hospital OPD) में पहुंचे सभी लोग कोरोना से ठीक होने के बाद विभिन्न लक्षण लेकर पहुंचे थे। सभी का एक्सरे, सीटी स्कैन (CT scan) और डी-डायमर टेस्ट(D-dimer test) कराया गया। 300 में 20% यानी करीब 60 मरीजों में खून गाढ़ा पाया गया, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।
कई को करवाना पड़ा भर्ती
पोस्ट कोविड मरीजों में 7 मरीज को भर्ती करने की नौबत आई है। अस्पताल के ही चौथे तल्ले पर स्थित पोस्ट कोविड वार्ड में 3 मरीज का इलाज चल रहा है। दूसरी ओर, अस्पताल में छह विभागों की ओपीडी का संचालन शुरू हुआ है। इसके साथ ही मेडिसिन ओपीडी में कई मरीज सर्दी-खांसी, बुखार और मौसमी बीमारियों की शिकायत लेकर पहुंचे थे। सभी को देखने के बाद चिकित्सकों ने सलाह देकर दवाई लिखीं।
हार्ट व ब्रेन में ब्लड क्लाॅट पाए गए
मामले के संबंध में रिम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार(Cardiologist Dr. Prashant Kumar) ने बताया की कोविड से ठीक होने के बाद ना सिर्फ ब्लैक फंगस, बल्कि अन्य कई सारे कॉम्प्लिकेशन मरीजों में दिखते हैं। कोरोना से ठीक होने के 6 से 8 सप्ताह के बाद मरीजों में पोस्ट कॉम्प्लिकेशन देखने को मिलता है। इसके साथ ही बताया की एक रिसर्च में सामने आया है कि कोविड से हुए 30% से ज्यादा मौतों में खून का थक्का मोटा पाया गया था। मरीजों में फेफड़े के अलावा हार्ट और ब्रेन में भी ब्लड क्लॉट पाए गए थे।