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JPSC कट ऑफ डेट: अभ्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की हस्तक्षेप याचिका, जल्द सुनवाई की मांग

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (JPSC) में कट ऑफ डेट मामले में जारी संग्राम थमता नहीं दिख रहा। मामले में अभ्यार्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है। अभ्यार्थियों द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई जल्दी करने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि सातवीं, आठवीं और नवीं जेपीएससी में उम्र की कट ऑफ सीमा 2011 की बजाय 2016 की गई है जिसका अभ्यार्थी विरोध कर रहे हैं। 

जेपीएससी कट ऑफ मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
गौरतलब है कि इससे पहले भी जेपीएससी कट ऑफ डेट मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने प्रार्थियों द्वारा दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हए सरकार को नोटिस जारी किया था। दोनों जजों ने नोटिस जारी करते हुए सरकार से पूछा था कि जब पांच वर्षों से परीक्षा नहीं हुई तो क्या ऐसी परिस्थिति में प्रतिवादी को उम्र सीमा में छूट दिया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। 

अभ्यार्थियों की तरफ से इन वकीलों ने कोर्ट में रखा पक्ष
जेपीएससी अभ्यार्थियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रोहित राठी, झारखंड हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगंधा ने पक्ष रखा। वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत में कहा कि 21 वर्षों में जेपीएससी केवल 6 परीक्षायें आयोजित करा सका है। तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों को काफी उम्मीदें हैं। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हम आपकी परेशानी समझते हैं लेकिन नीति निर्धारण सरकार का काम है। कोर्ट ने ये भी पूछा कि परीक्षा कब है। अधिवक्ताओं ने तब बताया कि सितंबर के अंत में परीक्षा होगी। हालांकि परीक्षा 19 सितंबर को होगी। 

2011 की उम्र सीमा को 2016 करने पर है पूरा विवाद
गौरतलब है कि झारखंड पब्लिक कमीशन की परीक्षा 2021 में उम्र सीमा निर्धारण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है। रीना कुमारी और अमित कुमार सहित अन्य के द्वारा दाखिल एसएलपी में झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें अदालत ने राज्य सरकार की ओर से उम्र के निर्धारण को सही माना है। अभ्यार्थियों ने कहा कि नियम के मुताबिक जेपीएससी को प्रत्येक साल परीक्षा आयोजित करनी चाहिए थी। पहले जेपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन में उम्र का निर्धारण 2011 रखा गया था। संसोधित विज्ञापन में इसे 2016 कर दिया गया।