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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छात्रवृत्ति योजना के लिए विद्यार्थियों की एंट्री बढ़ाने का दिया निर्देश

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द फॉलोअप टीम, रांची:

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभागीय समीक्षा के क्रम में कई छात्रवृति योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से छात्रवृत्ति योजना, वन अधिकार अधिनियम, छात्रावासों की मरम्मत और जीर्णोद्वार  की योजनाएं, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना और अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम शामिल है। इस दौरान विभागीय सचिव के के सोन  ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले वर्ष प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत 16 लाख 35 हज़ार विद्यार्थियों  की इंट्री छात्रवृत्ति के लिए हुई थी, जबकि इस साल अभी तक 8 लाख 85 हज़ार विद्यार्थियों  की एंट्री हो पाई है।

 

विद्यार्थियों की एंट्री को बढ़ाएं 
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को कहा कि वे जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ तालमेल बैठाकर छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थियों की एंट्री को बढ़ाएं।  उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि 16 लाख 85 हजार एंट्री बेंचमार्क है और अक्टूबर तक यह बेंच मार्क प्राप्त कर लेना है। इसके अलावा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की तिथि 25 अक्टूबर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की तिथि 15 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति मिले इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए फॉर्मेट के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2020- 21 में कुल 474 छात्रावासों की मरम्मत और जीर्णोद्वार की योजनाएं स्वीकृत की गई है। इसके लिए राशि जारी कर दी गई है । इन छात्रावासों की मरम्मत का काम समय पर पूरा होना सुनिश्चित करें

रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता 
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना चलाई जा रही है। उन्होंने इस योजना से संबंधित लंबित आवेदनों पर नाराजगी जताई। उन्होंने जिलों से कहा कि इस योजना को प्राथमिकता देते लंबित आवेदनों का त्वरित गति से निपटारा हो। इस मौके पर अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति चार अधिनियम को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर इस बाबत समिति का पुनर्गठन कर लिया जाए और  राशि उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा एकलव्य विद्यालयों के लिए जमीन की उपलब्धता को लेकर भी जिलों को आवश्यक निर्देश दिए गए।