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सदन में बोले हेमंत! मुझे याद है नियुक्ति वर्ष, कहा- महीने भर बाद बड़े पैमाने पर शुरू होगी नियुक्ति

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो गया। समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनको नियुक्ति वर्ष याद है। महीने भर बाद पड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार नियुक्ति नियमावली बनाई गई। सीएम ने कहा कि नियुक्ति को लेकर आगे किसी भी तरीके की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

बिन पानी मछली जैसी है बीजेपी की हालत
गौरतलब है कि मानसून सत्र का आगाज होने से पहले उम्मीद थी कि सदन में रोजगार, नियुक्ति नियमावली, नियोजन नीति और स्थानीय नीति पर चर्चा होगी। विधि व्यवस्था पर सरकार से सवाल पूछा जायेगा लेकिन पूरा सत्र नमाज के लिए कमरा आवंटन, मंदिर बनाम मस्जिद और हनुमान चालीसा के पाठ की मांग के साथ धुल गया। किसी भी दिन सार्थक चर्चा नहीं हो सकी। गुरुवार को झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र को तार-तार किया। सत्ता के बिना बीजेपी का हालत बिना पानी के मछली जैसी हो गई है। वो येन-केन-प्रकारेण सत्ता हथियाना चाहती है। 

बंगाल चुनाव में जनता ने बीजेपी को सिखाया सबक! 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी हाल में भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जनता ने भारतीय जनता पार्टी को जवाब दिया है। ये सिलसिली नहीं थमेगा। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता बीजेपी को सबक सिखाने में लगी है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बंगाल में चुनाव था लेकिन माहौल ऐसा बनाया गया था मानो भारत-पाकिस्तान का युद्ध हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जनता की सेवा क्या करेगी जबकि वो सार्थक विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही है। समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। 

झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करती है केंद्र सरकार! 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र की राजग सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करती है। केंद्र के पास झारखंड का करोड़ों रुपया बकाया है। केंद्र पैसा नहीं दे रही। हमारा पैसा केंद्र देती नहीं है और हमारे खाते से हजारों करोड़ रुपये बिना कारण बताए काट लिया जा रहा है। सीएम ने कहा कि ये असंवैधानिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भी निर्णय ले सकते हैं। यदि हमने निर्णय ले लिया तो केंद्र सरकार अंधेरे में चली जाएगी। हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि देश हित का मामला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम ऐसा कोई काला कानून नहीं लाएंगे जिससे देश का हित प्रभावित हो। 

नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रखा पक्ष
सीएम हेमंत सोरेन ने नई नियोजन नीति और इसके विरोध पर भी अपना पक्ष रखा। कहा कि नियोजन में भाषा को लेकर विपक्ष बिना मतलब विवाद खड़ा कर रहा है। नियोजन नीति में भाषा को समाहित करना गैर-कानूनी नहीं है। मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या भाषा हमारी संस्कृति नहीं है। क्या भाषा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भाषा को बढ़ावा नहीं दिया। खातियान धारी और आदिवासियों की संख्या घट गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गर्व है कि हम भाषा को संरक्षित करने का काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि हरसंभव स्थानीय लोगों को नियोजित किया जाए। भारतीय जनता पार्टी को बताना चाहिए कि इसमें क्या गलत है। 

सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण का नियम बनाया! 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी सत्र में हमारी सरकार ने निजी क्षेत्रों में 75 फीसदी आरक्षण का कानून बनाया है, लेकिन कानून के बाद भी हमें लंबी लड़ाई लड़नी होगी। इन वर्ग के लोगों को और ताकत इकट्ठा करना होग। यही वजह है कि भारत सरकार को भी अब ओबीसी की ताकत का एहसास होने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को सार्थक, रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। सदन की कार्यवाही को बाधित करना अलोकतांत्रिक है। इससे जनता का नुकसान होता है। जनहित का मुद्दा गौण हो जाता है जोकि सही नहीं है। हमें ध्यान देना होगा।