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सीएम से पीएम तक लगा चुके गुहार, नहीं रुक रही झारखंड में जमीन की लूट

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द फॉलोअप टीम, रांची:  

भाकपा के राज्य सचिव सह हजारीबाग के पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने झारखंड के अधिकारियों पर भूमाफिया के साथ मिलकर जमीन लूट का आरोप लगाया है। आज पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को उन्‍होंने बताया कि हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, चतरा, देवघर और रांची जिले में गैरमजरूआ एवं वन सीमा के अंदर की भूमि, नदी, तालाब, नाला की हजारों एकड़ जमीन की लूट भूमाफिया, राजस्व पदाधिकारी और वन विभाग के पदाधिकारी के मेल से जमकर की जा रही है। ध्‍यान दिलाने के बावजूद इस पर रोक नहीं लग सकी है। बताया कि सन् 2012 में उन्होंने  तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री मथुरा महतो को इस सम्बन्ध में आवेदन दिया था। उन्होंने इसकी जाँच सचिव, राजस्व विभाग को कराने का आदेश भी दिया। लेकिन यह आदेश संचिका पड़ी रह गयी। सन् 2015 में उन्होंने तब मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आवेदन दिया। कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। तब उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा। प्रधानमंत्री को फिर स्मार पत्र दिया। तब जाकर झारखण्ड सरकार को राजस्व विभाग ने इसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौपा। हजारीबाग में इसकी जांच की इंदु भूषण ओझा पुलिस निरीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो  कोषांग ने शुरू की। लेकिन क्या जांच की गयी तथा उसके बाद क्या कार्यवाही हुई  इसका कोई अता-पता नहीं है।

 

हजारों एकड जमीन की अवैध बन्दोबस्ती हुई

भुनेश्वर मेहता ने बताया कि इस सम्बन्ध में चतरा के तात्कालीन उपायुक्त अमित कुमार ने टण्डवा में हुए जमीन घोटाले की जाँच शुरू की। लगभग 400 एकड़ जमीन की बन्दोबस्ती रद्द की गयी। निर्मल टोप्पो द्वारा हजारों एकड़ भूमि की बन्दोवस्ती की गयी थी। इतना ही नहीं टोप्पो ने 25 एकड़ जमीन अपने पिता एवं ससुर के नाम से बन्दोबस्त कर दिया था। टोप्पो ने बोकारों में भी अरबों-खरबों की भूमि का घोटाला किया। झारखण्ड सरकार ने उन्हें नौकरी से बरखास्त कर दिया। किन्तु बाकि कर्मचारी, अधिकारी एवं भूमि माफिया पर जो कार्यवाही होनी थी, वह नहीं हुई। हजारीबाग में केरेडारी,  बड़कागाँव, सदर, कटकमसांडी, कटकमदाग एवं खासमहल में हजारों एकड जमीन की अवैध बन्दोबस्ती हुई है। नदी , नालों और कब्रिस्तान को भी भूमाफिया ने नहीं बख्‍शा है। सरकारी जमीन जिसमें विद्यालय एवं स्वास्थ्य विभाग है उन जमीनों का भी अधिग्रहण N.T.P.C. से पैसा लेकर कर दिया तथा पैसा का भुगतान भी हो गया।

 

मुख्‍यमंत्री हेमंंत से भी कर चुके जांच का आग्रह

भुनेश्वर मेहता ने बताया कि मुकेश कुमार तात्कालीीन उपायुक्त , हजारीबाग ने कटकमदाग अंचल के तीन पंचायतों की जाँच करवाई। जिसमें 1700 एकड़ गैरमजरूआ भूमि एवं वन भूमि के अवैध बन्दोबस्ती मिली। किन्तु उक्त जमीन की न तो बन्दोबस्ती रद्द की गयी न ही भूमाफियाओं पर कार्रवायी की गयी। इनकी अनुशंसा पर ही झारखण्ड सरकार के राजस्व विभाग ने Sit का गठन  किया। देवाशीष गुप्ता आईएएस के नेतुत्व में जांच शुरू हुई। इन्होंने झारखण्ड सरकार एवं हजारीबाग उपायुक्त को रिपोर्ट भी सौंपा किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की। बड़कागाँव के कर्मचारी अजय सिंह के घर जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा छापा मारा गया तो 25 लाख रुपये नगद तथा करोड़ों की अचल सम्पत्ति पायी गयी। केरेडारी एवं बड़कागाँव का कोई भी ऐसा गाँव नहीं है जहाँ गैर मजरूआ जमीन की बन्दोबस्ती नहीं हुई। हजारीबाग एवं आसपास के इलाकों में भी गैर मजरूआ एवं खास महल के हजारों एकड़ जमीन को बन्दोवस्त कर दिया गया। नगर में नाला एवं तालाब को भी बन्दोबस्ती कर उसे भूमाफियाओं ने बेच दिया। इन्होंने बताया कि 19 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री  से मिलकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच करने का अनुरोध किया है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।