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Dhanbad: साइबर ठगी का अड्डा बना 'कुमारधुबी'! मिनटों में उड़ा लेते हैं लोगों की गाढ़ी कमाई

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द फॉलोअप टीम, धनबाद: 

झारखंड प्रदेश के अधिकांश जिलों में साइबर क्रिमिनलों ने पांव पसार लिया है। ताजा मामला धनबाद का है। यहां कुमारधुबी ओपी क्षेत्र के गाड़ीखाना और बढ़डंगाल इलाका साइबर अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। यहां सक्रिय साइबर अपराधी लोगों की गाढ़ी कमाई को झटके में लूट ले जाते हैं। इन अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि इन्होंने आम से खास तक हर किसी को लूटा है। नेता, अभिनेता, आईएएस, आईपीएस या व्यवसायी, इन्होंने किसी को नहीं छोड़ा। 

साइबर ठगी का नया-नया तरीका ईजाद किया
झारखंड के जामताड़ा जिले से शुरू हुआ साइबर क्राइम का खेल दिनों-दिन खतरनाक होता जा रहा है। पहले क्रिमिनल बैंक अधिकारी बनकर लोगों को लूटा करते थे। अब इन अपराधियों ने लूटने का नया-नया तरीका खोल लिया है। ये लोग खेल प्राइज विजेता, उपहार लिंक, फेसबुक अकाउंट की हैकिंग, और मोबाइल कंपनी का अधिकारी के बहाने लोगों को लूटने लगे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक धनबाद सहित अन्य जिलों में सक्रिय ये साइबर अपराधी पहले जामताड़ा में काफी वक्त बिताते हैं। वहां बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। फिर ये लोग सक्रिय हो जाते हैं। 

क्या पुलिस तक नहीं पहुंची है इसकी जानकारी
मिली जानकारी के मुताबिक बीते कुछ समय में साइबर क्रिमिनलों की सक्रियता धनबाद के निरसा सहित आसपास के कई इलाकों में तेजी से बढ़ी है। इलाके में फर्जी सिम, लैपटॉप, फर्जी एटीएम कार्ड सहित अन्य उपकरणों की डिमांड तेजी से बढ़ गई है। हैरानी की बात है कि पुलिस बिलकुल अनभिज्ञ है। 

खपरैल का घर आलीशान मकान में तब्दील
मिली जानकारी के मुताबिक साइबर क्राइम से लूटे गए धन की बदौलत कुमारधुबी थानाक्षेत्र अंतर्गत गाड़ीखाना और बढ़डंगाल इलाके में पहले जिनका घर मिट्टी और खपरैल का था उन्होंने आलीशान मकान बना लिये हैं। बेरोजगार और कम पढ़े-लिखे युवा जो कभी टूटी चप्पल पहनकर यूहीं घूमा करते थे वे महंगी-महंगी बाइक्स की सवारी करते हैं। निरसा अब जामताड़ा पार्ट-2 बन गया है। बीते दिनों में जितने भी साइबर क्रिमिनल पुलिस द्वारा धराये हैं उनका कनेक्शन कुमारधुबी में मिला है। 

साइबर ठगी के साथ सट्टेबाजी का अड्डा भी
ना केवल साइबर क्राइम बल्कि कुमारधुबी इलाका सट्टेबाजी का भी अड्डा बनता जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान इलाके में जमकर सट्टेबाजी होती थी। झारखंड और बंगाल की सीमा पर होने की वजह से भी ये काफी संवेदनशील है। यहां साइबर क्राइम के साथ-साथ सट्टा बाजार भी खूब फल-फूल रहा है। लोगों को पुलिस की कार्रवाई का इंतजार है।