द फॉलोअप टीम, रांची:
जगन्नाथपुर थाने की पुलिस पर एक हॉकर को जबरन लॉक-अप में बंद करने का आरोप है। संदीप राम नाम के एक हॉकर ने दारोगा अंकुश पर आरोप लगाया है कि उसे तीन दिनों तक लॉक अप में रखा और झूठे आरोप कबूलने के लिए मजबूर करता रहा। संदीप का कहना है कि उसे झूठे आरोप को नहीं कबूल किया तो उसकी इतनी पिटाई की गई कि उसकी हालत बिगड़ गई। पुलिस ही उसे रिम्स के सेंट्रल इमर्जेंसी में पहुंचाकर भाग गई। आरोप संगीन हैं।
मॉल में हुई थी चोरी
संदीप ने बताया कि 11 सितंबर की रात को सिंहमोड़ के टोकरी मॉल नाम की दुकान में चोरी करने के आरोप में पुलिस उसे उठाकर थाने ले गई थी। वहां थाना प्रभारी अभय कुमार ने उससे पूछताछ की। उसने चोरी की बात से इंकार किया तो दारोगा अंकुश ने उसकी पिटाई की। एक कमरे में उसे बंद कर दिया और 3 दिनों तक उसे पीटता रहा और फिर उसे छोड़ दिया।
कागज पर साइन करने को कहा!
संदीप ने बताया कि 15 सितंबर को एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए उसे बुलाया गया। थाना पहुंचने पर फिर दरोगा अंकुश ने उसकी पिटाई की। संदीप ने बताया कि उसे 1 लाख रुपये देने का लालच भी दिया जा रहा था। दरोगा अंकुश उससे कह रहा था कि अगर वह अपराध कबूल कर लेगा तो उसे 1 लाख दिया जायेगा। इस पर संदीप ने कहा कि जब उसने चोरी की ही नहीं है तो वह आरोप क्यों स्वीकार करे। आरोप है कि दरोगा ने उसकी खूब पिटाई की।
सिटी एसपी ने मामले में क्या कहा
इस मामले में सिटी एसपी सौरभ ने कहा कि किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है। पत्रकारों से ही घटना का पता चला है। लिखित शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच होगी। दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। इधर थाना प्रभारी अभय कुमार ने कहा कि मारपीट का आरोप झूठा है। पुलिस पूछताछ करती है, तो उस पर ऐसे आरोप लगते ही हैं। संदीप की तबीयत बिगड़ी थी, इसलिए उसे रिम्स में भर्ती कराया गया। पुलिसकर्मियों ने आरोपों को बेबुनियाद बताया।