द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर है। झारखंड सरकार जल्दी ही प्रदेश में 1 लाख से अधिक वेकैंसी निकालने वाली है। गौरतलब है कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 6 अलग-अलग नियुक्ति विज्ञापन रद्द करने के बाद ये खबर सामने आई है। सरकार ने विभागों से कहा कि वे जरूरी तैयारी पूरी कर लें।
झारखंड में कर्मचारी चयन आयोग की ओर से होने वाली परीक्षा के लिए तैयारियों में और गति आएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी नियमावली संशोधित करने का आदेश दिया है। अब उन्हीं नियमावली को संशोधित करने की बात की जा रही है जिससे संबंधित अधियाचना पूर्व में भेजी जा चुकी थी। हाल में कैबिनेट के निर्णयों के आलोक में संशोधित नियमावली के तहत ही परीक्षा होनी है और इसके लिए नियमावली में संशोधन आवश्यक है।
चार दर्जन नियमावली पाइपलाइन में
नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को लेकर अब कोई वैधानिक अड़चन नहीं है। आपको बता दें कि सोनी कुमारी की अपील के मामले में हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कर लिया गया है तो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने से संबंधित संशोधन नियमावलियों में पहले ही किया जा चुका है। अब झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास लोगों को रोजगार देने और स्थानीय भाषा का ज्ञान अनिवार्य करने संबंधी संशोधन करना जरूरी है। इसके लिए ही नियमावली में संशोधन का निर्देश सभी विभागों को दिया गया है।
1 लाख रिक्तियों पर निकलेगी वेकैंसी!
राज्य सरकार विभिन्न विभागों की नियमावली को संशोधित कर सुनिश्चित करना चाह रही है कि नियुक्त प्रक्रिया शुरू की जा सके। इन सुधारों के बाद 80 हजार से एक लाख नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। सर्वाधिक नियुक्तियां शिक्षा विभाग और गृह विभाग में होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल सभी विभागों को मिलाकर स्वीकृत पदों की संख्या 2 लाख 68 हजार 832 है। इसमें 1 लाख 91 हजार 689 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले वर्ष 33 विभागों के 3359 कर्मचारी रिटायर हो गये। ऐसे में कर्मचारियों की कमी के कारण कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। फाइलें अधिक दिनों तक लंबित रहती हैं।
राजस्व स्रोतों से जुड़े विभागों में कर्मचारियों का घोर अभाव
आंकड़ों के अनुसार, राजस्व स्रोतों से जुड़े विभागों में कर्मचारियों का घोर अभाव है। राज्य के सबसे बड़े राजस्व स्रोत वाले वाणिज्यकर विभाग में 48.11 फीसदी कर्मचारी कम है। वहीं उत्पाद विभाग में भी 74 फीसदी कर्मचारियों की कमी है। शिक्षा विभाग में भी अधिकारियों की कमी का रोना है।
एक नजर में विभागवार रिक्तियां
कृषि- 2688
पशुपालन-997
भवन निर्माण-715
कैबिनेट- 121
राज्यपाल सचिवालय- 6,
निर्वाचन- 41,
सहकारिता- 120,
ऊर्जा- 53,
उत्पाद- 522,
वित्त- 722,
राष्ट्रीय बचत- 75,
वाणिज्यकर- 286,
खाद्य आपूर्ति- 109,
वन एवं पर्यावरण- 3086,
स्वास्थ्य- 9380,
गृह विभाग- 20224,
उद्योग- 1060,
सूचना जनसंपर्क- 704,
सांस्थिक वित्त-36,
श्रम- 1185, विधि-1610,
खान- 476, कार्मिक- 106,
जेपीएससी- 68,
ग्रामीण विकास- 3498,
विज्ञान प्रौद्योगिकी- 733,
शिक्षा- 18357,
पर्यटन- 101,
नगर विकास- 47,
जलसंसाधन- 3227,
लघु सिंचाई- 657,
कल्याण- 1267,
खेलकूद विभाग- 141
संसदीय कार्य- 22,
योजना- 248,
कार्मिक राजभाषा- 209,
पेयजल- 779,
राजस्व- 1271,
पथ विभाग- 765,
जल्द भेजी जाएगी जेपीएससी-जेएसएससी को अधियाचना
सरकार के ताजा निर्देश के बाद सभी विभाग नियुक्तियों को लेकर सक्रिय हो गये हैं। रिक्तियों का आकलन पूरा होने के बाद जेपीएससी और जेएसएससी को अधियाचना भेजी जाएगी। जेपीएससी और जेएसएससी को सभी लंबित परीक्षाओं को जल्द आयोजित कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है। इसके तहत ग्रेड-2 और ग्रेड-3 के विभिन्न पदों के साथ-साथ शिक्षक नियुक्ति के लिए टेट परीक्षा जल्द आयोजित करने को कहा गया है।