द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड लोक सेवा आयोग छठी जेपीएससी परीक्षा का फ्रेश रिजल्ट जारी नहीं करेगा। आयोग ने झारखंड हाईकोर्ट के एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने का फैसला किया है। आयोग ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है।
जेपीएससी ने मेधा सूची में गड़बड़ी से इंकार किया
जेपीएससी ने कहा है कि उनकी ओर से जारी मेधा सूची में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है। आयोग ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट के एकलपीठ ने जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को रद्द कर नया संसोधित मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था।
पेपर वन का मार्क्स कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही
झारखंड लोक सेवा आयोग ने अपनी याचिका में कहा है कि पेपर वन (हिंदी और अंग्रेजी) में क्वालीफाइंग मार्क्स को कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है। आयोग ने विज्ञापन के मुताबिक ही मेधा सूची जारी की थी। एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए उसे निरस्त किया जाना चाहिए। कहा कि करीब 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनकी याचिका में भी झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी मेधा सूची को सही बताया गया है।
एकलपीठ ने आयोग की मेरिट लिस्ट को निरस्त किया
गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट को निरस्त कर दिया था। अदालत ने आयोग को 8 सप्ताह में संसोधित लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था। छठी जेपीएससी की परीक्षा के जरिए 326 पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। दूसरी तरफ अभ्यर्थियों का ये कहना है कि जेपीएससी के अधिकारी खुद को बचाने के लिए कोर्ट पहुंचे हैं।
अभ्यर्थियों ने आयोग की मंशा पर उठाया सवाल
इस पूरे मामले में तीन अध्यक्ष सहित तीन सचिव, परीक्षा नियंत्रकर औऱ सदस्य पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। वे कार्रवाई से बचने के लिए ये कदम उठा रहे हैं। छठी जेपीएससी के जरिए 326 पदों पर नियुक्ति की गई। साल 2016 में जब से ये परीक्षा शुरू हुई तब से ही ये विवादों में है। दो बार परीक्षा का पैटर्न बदला गया। तीन बार संसोधित परिणाम निकला। हालांकि आयोग की सभी परीक्षा विवादित ही रही है।