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JSSC ने रद्द कीं 6 नियुक्तियां लेकिन नहीं लौटाया आवेदन शुल्क, अभ्यर्थियों का करोड़ों रुपया फंसा

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखंड में नौकरी का विज्ञापन निकलते ही लाखों की संख्या में अभ्यर्थी फॉर्म भरते हैं। परीक्षा आयोजन के नाम पर छात्रों से शुल्क लिया जाता है। पिछली कई नियुक्ती रद्द होने के बाद से अब ये सवाल उठने लगा है कि सरकार या उक्त एजेंसी जब काम ही पूरी नहीं कर पाई तो अभ्यर्थियों का पैसा क्यों वापस नहीं हो रहा है। क्यों बेरोजगारों को आर्थिक रूप से भी परेशान किया जा रहा है। इन तमाम सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करती है ये स्टोरी।

रघुवर सरकार ने दिया था पैसा लौटाने का आदेश
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने बीते दिनों कुल 6 परीक्षाओं को रद्द कर दिया। इसमें झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2019 का विज्ञापन शामिल है। यह विज्ञापन दरअसल रघुवर सरकार के समय आयोजित हुई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2015 को रद्द करने के बाद निकाला गया था, फिर से उसी प्रतियोगिता परीक्षा के विज्ञापन को रद्द कर दिया गया है। संयुक्त स्नातक स्तरीय 2019 विज्ञापन निकालने से पहले अगस्त 2019 के कैबिनेट की बैठक में राज्य के बाहरी छात्रों को लेकर एक बड़ा निर्णय हुआ था।

परीक्षा शुल्क लौटाने पर बनी थी सहमति
निर्णय के तहत ने झारखंड से बाहर के छात्रों को नया फॉर्म भरने पर रोक लगाने और पूर्व में जमा इन छात्रों की जमा परीक्षा शुल्क वापस करने की सहमति बनी थी, लेकिन आज तक राज्य के बाहरी छात्रों को यह राशि कर्मचारी चयन आयोग ने नहीं लौटाई है। जेएसएससी द्वारा वर्ष 2015 में निकाले गये कुल 1150 पदों के विज्ञापन के लिए था। आयोग ने कहा था कि 2015 के विज्ञापन में करीब 63,000 छात्रों ने फॉर्म जमा किया था। ऐसे में 600 प्रति छात्र के हिसाब से सरकार को करीब 3.50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करनी होगी, जो बाहरी छात्रों के मुताबिक, एक बड़ी चुनौती होगी।

JSSC के पास लाखों छात्रों का करोड़ों है जमा
रघुवर सरकार के आदेश के बावजूद अब तक तो पिछले विज्ञापन को भरने वालों का पैसा वापस नहीं हुआ, लेकिन अब जब जेएसएससी ने छह विज्ञापन रद कर दिया है तो ये आकड़ा कई गुना बढ़ा चुका है। आपको बता दें कि झारखंड राज्य अंतर्गत काराओं में वाहन चालक की भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा 2018 में करीब 42 हजार छात्रों ने फॉर्म भरा था जिसमें परीत्रा शुल्क 800 रूपये था, जबकि एससी और एसटी छात्रों के लिए ये शुल्क 400 रूपये था। 

1 लाख 22 हजार अभ्यर्थियों का पैसा फंसा
झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा 2018 में भी यही शुल्क था और लगभग 1 लाख 22 हजार छात्रों ने फॉर्म भरा था, वहीं इसी शुल्क पर  विशेष शाखा आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा 2018 के लिए फॉर्म भरने वालों की संख्या 1 लाख 40 हजार थी, इसी तरह  झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (नियमित रिक्ति) और  झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (बैकलॉक रिक्त) के लिए फॉर्म भरने के वालों की संख्या हजारों में थी। इन सब के अलावा  झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2019 में परीक्षा शुल्क 1000 हजार और 500 रूपये रखे गये थे।

जेएसएसी पर बढ़ा है पैसा लौटाने का दबाव
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग लगातार अपने ही द्वारा जारी किये पूर्व के विज्ञापनों को रद्द कर रहा है। आयोग ने वर्ष 2018-19 में नियुक्ति के लिये निकाले गए 6 नियुक्ति परीक्षा के विज्ञापन को रद्द कर दिया, इनमें 3 विज्ञापन वर्ष 2018 और 3 विज्ञापन 2019 के थे। उससे पहले आयोग ने 9 अक्टूबर को 66 वैज्ञानिक सहायकों की नियुक्ति के लिए निकले विज्ञापन 2 दिनों के भीतर ही रद्द कर दिया था। राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए इन सभी 66 वैज्ञानिक सहायकों की नियुक्ति होनी थी। सूत्रों के मुताबिक, वैज्ञानिक सहायक की नियुक्ति में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के नियुक्ति की ज्यादा संभावना बनी थी, जिसे देखते हुए विज्ञापन को रद्द किया गया। अब संशोधित नियमावली में स्थानीय को प्राथमिकता देने की बात हुई है। आयोग संशोधित नियमावली के साथ ही विज्ञापन निकालेगा।