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बापू को याद करने जुटे नेताओं ने कहा, देश में सृजन और विनाश नामक दो विचारधारा आमने-सामने

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द फॉलोअप टीम, रांची:
देश मे दो विचारधाराएं आमने-सामने खड़ी हैं। एक विचारधारा सृजन की है तो दूसरी विनाश की। हम सब सृजन के पक्षधर हैं। लोकतंत्र, समानता और प्रगतिशील परंपरा के वाहक हैं। महात्मा गांधी इसी परंपरा के नायक और मार्ग दर्शक थे। जिनकी हत्या विनाश और ध्वंस की विचारधारा के पोषक नाथूराम गोडसे ने 73 साल पहले की थी। लेकिन गांधी की हत्या करने से उनके विचार खत्म नहीं किए जा सके।  बल्कि आज देश मे चल रहे किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने में यही विचारधारा प्रकाश स्तम्भ का काम कर रही है। ये बातें महात्मान गांधी की प्रतिमा के समक्ष जमा हुए वाम और समाजवादी नेताओं ने कही। 

किसानों के आंदोलन के साथ एकजुटता का संकल्प
सभी ने मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में एकत्रित होकर महात्मा गांधी को याद करते हुए उपवास रखा और उन्हे श्रद्धांजलि दी। मौके पर हुई संकल्प सभा में एक प्रस्ताव पारित कर अडाणी और  अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार करने, जियो सिम और रिलायंस पेट्रोल पंप का बायकाट और गैर जिम्मेदार और झूठी खबरें देने वाले समाचार चैनल से दूरी बनाने की अपील की गई।

3 फरवरी को दोपहर 2 बजे से रांची में नागरिक कन्‍वेंशन
किसान-मजदूर आंदोलन के साथ एकजुटता मंच गठित करने का एलान किया गया। इस सिलसिले में 3 फरवरी को दोपहर 2 बजे से रांची में एक नागरिक कन्‍वेंशन आयोजित किया जाएगा। जिसमें एक लंबे अभियान की घोषणा की जाएगी। संकल्प सभा की अध्यक्षता राजद नेता राजेश यादव ने की।

ये रहे शामिल
सभा को राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह, माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, माकपा के प्रकाश विप्लव, सुरजीत सिन्हा, सुखनाथ लोहरा, सीपीआई के अजय सिंह, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट, समाजवादी पार्टी के मनोहर यादव,  आदिवासी अधिकार मंच के प्रफुल्ल लिंडा,  डीवाइएफआई के सुरेश मुंडा, एडवा की वीणा लिंडा,  एपवा की नंदिता, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, फिल्मकार मेघनाथ, वरिष्ठ पत्रकार विनोद कुमार, अशोक वर्मा, श्रीनिवास, कुमार विनोद आदि शामिल हुए।