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रौशनी खलखो मामले में राज्यपाल से मेयर ने लगाई इंसाफ की गुहार, कहा आदिवासी सुरक्षित नहीं

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द फॉलोअप टीम, रांची:
किशोरगंज चौक पर मुख्यमंत्री के काफिला गुजरने के दौरान हुए हंगामे में वार्ड-19 की पार्षद रौशनी खलखो का भी नाम सामने आया था। उन्हें भी आरोपी बनाया गया था। पार्षद ने कोर्ट में सरेंडर किया। रौशनी खलखो की रिहाई की मांग को लेकर मेयर आशा लकड़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।  रौशनी खलखो के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत करार देते हुए कहा है कि राज्य में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। आदिवासी होने के कारण  रोशनी खलखो के खिलाफ प्रशासन और सरकार की ओर से कार्रवाई हो रही है। रौशनी खलखो के घर में घुसकर उनके परिवार के साथ पुलिस प्रशासन ने गलत व्यवहार किया है।अगर किसी महिला के साथ दुष्कर्म की घटना होती है और उसके लिए आंदोलन करना गलत है तो ये गलती बार-बार होगी। मेयर आशा लकड़ा ने ये भी कहा कि गठबंधन की सरकार आदिवासी विरोधी है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि इस मामले पर सही कार्रवाई की जाएगी। 
षड्यंत्र रच कर रौशनी को जेल में डाला गया: डिप्टी मेयर 
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय इस पर कहने है कि दुष्कर्म की वारदातों को लेकर विरोध किया जा रहा था। जनप्रतिनिधि का यह काम है कि समाज में होने वाले गलत कामोंं का विरोध करे। इसलिए रौशनी खलखो भी विरोध कर रही थी लेकिन उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर उन्हें जेल भेजा गया है। उनके घरवालों को मानसिक प्रताड़ना दी गयी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भी समझना चाहिए कि अगर विरोध प्रदर्शन पर इस तरह की कानूनी कार्रवाई की जाएग। तो कहीं ना कहीं जनता का गुस्सा आगे आने वाले दिनों में उन्हें झेलना पड़ेगा।