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चुनावी सभाओं और रैलियों के लिए लेना होगा एनओसी, आवेदन में व्यय बजट भी संलग्न करना होगा

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द फॉलोअप टीम, पटना 
बिहार में अब चुनावी सभाओं और रैलियों का दौर चलेगा। रैली की अनुमति से संबंधित जिले अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा स्थानीय थानाध्यक्ष से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दी जायेगी। इसके लिए आयोजक को अपने आवेदन के साथ अपना व्यय बजट भी संलग्न करना होगा। साथ ही आयोजकों को बिहार लाउड स्पीकर एक्ट, संपत्ति विरूपण अधिनियम तथा मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं का पालन करना होगा।

चुनावी सभाओं के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
डीएम कुमार रवि ने सभी निर्वाची पदाधिकारियों को पत्र लिखकर चुनावी सभाओं की अनुमति के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावी सभा का आयोजन सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक होगा। गाइडलाइन के मुताबिक कुल पांच व्यक्ति (उनके सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर, अभ्यर्थी शामिल) घर-घर जाकर चुनाव अभियान चला सकते हैं। वहीं, चुनाव अभियान में गाड़ियों का काफिला 10 के बदले 5 पर पृथक कर दिया जायेगा (सुरक्षा वाहन को छोड़कर यदि कोई है)। गाड़ियों के काफिले के दो समूह के बीच आधे घंटे का अंतर होगा।

करना होगा इन नियमों का पालन 
निर्वाची पदाधिकारी सार्वजनिक सभा स्थल का चयन करेंगे, जहां प्रवेश एवं निकास के बिंदु स्पष्ट रूप से निर्धारित हो। चुनावी सभा करने से पूर्व निर्धारित स्थल पर एडवांस में ही मार्कर द्वारा दो गज की दूरी पर वृत्ताकार गोला बनाया जायेगा। कोविड-19 के नियम का पालन होगा। बताया गया कि कोई भी व्यक्ति कोविड-19 के अंतर्गत दिये निर्देश पालन नहीं करेगा तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 के अंतर्गत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी। इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं दूसरे अन्य कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत भी कार्रवाई की जायेगी।

हैलीपैड पर किसी का एकाधिकार नहीं
डीएम ने बताया कि चुनावी सभा करने के लिए मैदानों जैसे सार्वजनिक स्थलों तथा निर्वाचन के सिलसिले में हवाई उड़ानों के लिए हेलीपैड के उपयोग पर किसी के द्वारा एकाधिकार नहीं होगा। अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी ऐसे स्थानों और सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति उनकी शर्तों पर दी जायेगी। चुनावी सभा में अधिकारियों की भूमिका शांति व्यवस्था बनाये रखने और मंत्रियों को सामान्य सुरक्षा प्रदान करने तक ही सीमित रहेगी। हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति रहेगी।