द फॉलोअप टीम, रांची:
हेलमेट हम सबके लिए कितना आवश्यक है ये बताने की जरूरत नहीं है। हमें हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट का ही इस्तेमाल करना चाहिए। कई लोग ऐसे है जो ट्रैफिक पुलिस के डर से बस दिखावे के लिए किसी भी हेलमेट को पहन कर दुपहिया वाहन चलाते हैं। अब कामचलाऊ और लोकल हेलमेट का इस्तेमाल बंद करना होगा। अगर आपने लोकल हेलमेट पहन कर गाडी चलाई तो आपका चालान कटेगा।
केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियम में संसोधन किया
दरअसल केंद्र सरकार द्वारा ट्रैफिक नियमों को संसोधित किया गया है। व्हीकल अधिनियम (संशोधित-2019) की धारा 194 डी के तहत एक हजार रुपए जुर्माना और तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस के रद्द करने का भी प्रावधान है। सड़क दुर्घटना की वजह से हो रही असमय मौतों को रोकने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन किया गया है। अब मजबूत हेलमेट पहनना जरूरी होगा।
मानक IS4151:2015 का ही हो हेलमेट
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर राज्य के परिवहन सचिव केके सोन ने राज्यभर में तय मानक के अलावा दूसरे हेलमेट की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है। दो पहिया वाहन चालाक के सिर की सुरक्षा और हेलमेट की क्वालिटी सुधारने के लिए भारतीय मानक IS4151:2015 के अनुसार निर्मित हेलमेट का ही अब प्रयोग करना है। इसकी खासियत यह है कि इसका वजन कम है और यह कर्ब स्टोन एनविल से बना है। इसे खासकर चालाक के सिर की सुरक्षा को लेकर ही निर्मित किया गया है।
बीमा पॉलिसी की सुविधा नहीं मिल सकेगी
राज्य परिवहन सचिव केके सोन बुधवार को सभी जिलों के डीसी को पत्र भेजकर कहा कि दोपहिया वाहन चालकों और सह यात्रियों को भारतीय मानक IS4151:2015 के अनुसार बने हेलमेट अनिवार्य है। जो दुकानदार तय मानक का हेलमेट नहीं बेचता है, उस पर कार्रवाई होगी। ट्रैफिक एक्सपर्ट ऋषभ आनंद ने बताया कि हेलमेट हमारी सुरक्षा तो करता ही हैं लेकिन साथ साथ यह दुर्घटना होने पर बीमा क्लेम का मापदंड भी है। अगर दुर्घटना में चालाक की मौत हो जाती है तो परिजन बीमा राशि के लिए क्लेम करते हैं। अगर निर्धारित मानक का हेलमेट नहीं रहा तो बीमा कंपनियां क्लेम अस्वीकार भी कर सकती है।