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डॉक्टरों की कमी का गुस्सा नर्सों पर उतरा, मारपीट में सिस्टर का पीपीई किट फटा

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द फ़ॉलोअप टीम, बेतिया:
कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों के परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला बेतिया का है। यहां जीएमसीएच में भर्ती मरीज के परिजनों ने नर्स पर गुस्सा निकाला। नर्स के साथ मारपीट की। डॉक्टरों की कमी की वजह से परिजन नाराज थे। नर्स नूतन का कहना है कि हर बार उनके मरीजों के परिजनों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। 

समुचित इलाज की होती है कोशिश
पीड़िता का कहना है कि वे अपनी तरफ से मरीजों की हरसंभव सहायता करने का प्रयास करती हैं। उनका समुचित इलाज करती हैं। देखभाल करती हैं। हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी है। परिजन इलाज में लापरवाही का आऱोप लगाकर आक्रोशित हो जाते हैं और शिकार हमें होना पड़ता है। आरोप है कि परिजनों ने मारपीट के दौरान एक नर्स का पीपीई किट भी फाड़ दिया। 

असुरक्षित महसूस करती हैं नर्स
नर्स का कहना था कि डॉक्टरों की कमी का गुस्सा उनपर उतरता है।  क्या हमलोगों की इज्जत नहीं है। जिस तरह से सिस्टर का पीपीई किट फाड़ दिया, अगर उनका कपड़ा फट जाता तो कितनी शर्मिंदगी की बात होती। नर्स नूतन ने बताया कि ऐसी व्यवस्था के बीच वे लोग असुरक्षित महसूस करती हैं।

आये दिन होता है हॉस्पिटल में हंगामा
जिस परिजन ने बदतमीजी की है उसके पिता भर्ती थे। नर्स ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की इतनी कमी है कि डॉक्टर एक वार्ड में मरीज को देखने जाते हैं तो दूसरे वार्ड में इलाज में देरी हो जाती है और इस पर लापरवाही का आरोप लगाकर मरीज के परिजन हंगामा करने लगते है। इस अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट से लेकर सीनियर तक के 185 डॉक्टरों के पद हैं। फिर भी यहां डॉक्टरों का बहुत अभाव है।
हंगामे के बाद SDO ने पहुंच कर मामले को शांत कराया और नर्सों को भरोसा दिलाया कि वे नर्सों के स्थायी समाधान ढूंढेंगे।ॉ