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क्यों पेयजल के लिए नदी या तालाब तक जाते हैं लोग, नीति निर्धारकों से पूछना चाहिए सवाल- पीएम मोदी

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी जयंती के मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन के 2 साल नाम की ई-पुस्तिका का विमोचन किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे खुशी है कि इस दिन देश भर के लाखों गांवों के लोग ग्राम सभाओं के माध्यम से जल जीवन संवाद कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन केवल लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए नहीं है। 

जल जीवन मिशन ऐप पर मिलेगी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि  यह एक गांव संचालित और महिला संचालित आंदोलन है। इसका मुख्य आधार जन आंदोलन और जन भागीदारी है। जल जीवन मिशन ऐप पर इस आंदोलन से संबंधित हर विवरण एक ही स्थान पर उपलब्ध होगा। 

पानी के लिए नदी या तालाब तक क्यों जाते हैं लोग
पीएम ने कहा कि बहुत कम लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि इन लोगों को हर दिन किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है। आखिर पानी क्यों नहीं इन लोगों तक पहुचंता है। जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति निर्धारण की जिम्मेदारी थी उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था लेकिन ये सवाल नहीं पूछा गया। ये दुर्भाग्यपूर्ण है। 

2 लाख गांवों ने कचरा प्रबंधन प्रणाली शुरू कर दी है
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि लगभग 2 लाख गांवों ने कचरा प्रबंधन प्रणाली शुरू कर दी है और 40,000 ग्राम पंचायतों ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। खादी और हस्तशिल्प की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। आत्मानिर्भर कार्यक्रम के तहत आज देश आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है।

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