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सरकारी स्कूलों की ऑनलाइन-ऑफलाइन परीक्षा का बन रहा प्रस्ताव, परीक्षा लेना शिक्षा विभाग की चुनौती

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द फॉलोअप टीम, रांची : कोरोना काल के छह माह में सरकारी स्कूलों में सिलेबस के अनुसार पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी है, लेकिन छमाही परीक्षा लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन कक्षाओं में स्टूडेंट्स की परेशानियों और संसाधनों के अभाव में क्लास नहीं होना और छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेना शिक्षा विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। 

शिक्षा सचिव के पास भेजा जाएगा प्रस्ताव
बता दें कि जिन विद्यार्थियों के पास मोबाइल, टैब, कंप्यूटर, लैपटॉप की सुविधा नहीं है, उन्हें ऑफलाइन परीक्षा देने की छूट रहेगी। यानी स्कूल की ओर से उन्हें प्रश्नपत्र के अलावा उत्तर लिखने के लिए कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। इन छात्रों को घर से उत्तर लिखकर स्कूल के ड्रॉप बॉक्स में डालना होगा। झारखंड शिक्षा परियोजना के अनुसार, प्रस्ताव तैयार होने के बाद इसे शिक्षा सचिव के पास भेजा जाएगा। सहमति मिलते ही आदेश जारी कर दिया जाएगा।

छात्रों से पूछे जाएंगे संशोधित पाठ्यक्रम के सवाल
मैट्रिक और इंटर छात्रों के लिए उनके संशोधित पाठ्यक्रम के आधार पर सवाल पूछे जाएंगे। महीने में दो बार टेस्ट लेने की योजना बन रही है। यह परीक्षाएं अनौपचारिक होंगी। बच्चों को छूट होगी कि वे सवालों के हल किताबों या इंटरनेट से खोजकर दें। शिक्षकों से भी समाधान पूछ सकेंगे। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रश्न दिए जाएंगे। 

जैक मॉडल पेपर तैयार करेगा
बता दें कि इन परीक्षाओं का उद्देश्य बच्चों को पढ़ाना और फाइनल परीक्षा के लिए उन्हें तैयार करना है। छात्र-छात्राओं को ह्वाट्सएप के जरिए ऑनलाइन और स्कूल के माध्यम से ऑफलाइन प्रश्न दिए जाएंगे। उसका उत्तर वे घर से लिख कर आएंगे और स्कूल के ड्रॉप बॉक्स में डालेंगे। संशोधित पाठ्यक्रम के बाद जैक मॉडल पेपर तैयार करेगा, जिसे सभी स्कूलों को उपलब्ध कराया जाएगा।