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रांची मेयर ने फिर लगाया नगर आयुक्त पर लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये का आरोप

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द फॉलोअप टीम, रांची:

रांची नगर निगम में मार्च 2021 से लेकर 30 सितंबर तक स्थाई समिति व निगम परिषद की बैठक हुई और प्रोसीडिंग भी तैयार की गई, परंतु नगर आयुक्त की लापरवाही व गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण अब तक स्थाई समिति व निगम परिषद की बैठक से संबंधित प्रोसीडिंग की संपुष्टि नहीं हुई। इस कारण स्थाई समिति व परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय और शहर के विकास से संबंधित स्वीकृत योजनाएं अब तक लंबित हैं। बुधवार को ये बातें मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कही।


मेयर ने कहा कि बुधवार को नगर आयुक्त को इस संबंध में पत्राचार कर निर्देश दिया गया है कि 19 मार्च व 19 अप्रैल 2021 को हुई स्थाई समिति की बैठक, 25 व 27 मार्च, 08 जुलाई, 27 व 30 सितंबर को हुई निगम परिषद की बैठक से संबंधित प्रोसीडिंग (कार्यवाही) पर अधोहस्ताक्षरी (मेयर) द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन कर संबंधित फाइल उपलब्ध कराएं। मेयर ने यह भी कहा कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा-86 के तहत कार्यवृत्त की कार्यवाही पर पीठासीन पदाधिकारी (मेयर) के द्वारा हस्ताक्षर किया जाना है। उसके बाद धारा-88 के तहे कार्यवाही की एक प्रति हस्ताक्षर होने के 07 दिनों के अंदर राज्य सरकार को अग्रसारित किया जाना है। इस संबंध में अब तक नगर आयुक्त को तीन बार पत्राचार कर दिशा-निर्देश दिया जा चुका है।



मेयर की ओर से नगर आयुक्त को दिए गए निर्देश

-शिव शंकर कुमार सहायक अभियंता की सेवा अवधि दिनांक 11.03 2021 को समाप्त हो चुकी है। दिनांक 19 मार्च और 19 अप्रैल 2021 को स्थाई समिति की बैठक एवं दिनांक 25 व 27 मार्च और 8 जुलाई 2021 को रांची नगर निगम परिषद की बैठक हुई थी, परंतु इस दौरान संबंधित प्रस्ताव को उपस्थापित नहीं किया गया। इसलिए सेवा समाप्त होने के बाद सेवा विस्तार देना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। अतः इस कार्यवृत्त के प्रस्ताव को उपस्थापित करने पर रोक लगाई जाती है।

-झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल संयोजन नियमवाली 2020 का प्रस्ताव 25 मार्च 2021 की आहूत बैठक में उपस्थापित किया गया था। उस समय इस नियमावली को लेकर जानकारी मांगी गई थी। परंतु जानकारी अब तक नहीं दी गई। निगम परिषद की बैठक में सभी पार्षदों ने इस नियमावली का विरोध किया था। अतः इस नियमावली को उपस्थापित करने पर रोक लगाई जाती है।

-अनुबंध के तहत चयनित एजेंसी के द्वारा कार्य कराया जाएगा या निविदा के माध्यम से एजेंसी चयन किया जाएगा। झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 झारखंड म्युनिसिपल अकाउंट पार्ट-। के अनुसार निविदा के माध्यम से ही एजेंसी चयन किया जाना है। अतः इस प्रस्ताव पर रोक लगाई जाती है।
-पांच पार्कों का संचालन एनजीओ के माध्यम से किए जाने के प्रस्ताव पर रोक लगाई जाती है।