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Ranchi : 20 सूत्री कमिटी में उचित स्थान नहीं मिलने से RJD नाराज, बोले नेता- अनदेखा करना गलत

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड के 11 जिलों में हाल ही में 20 सूत्री का गठन किया गया। इसकी घोषणा भी कर दी गई है। बाकी 13 जिलों में इसका गठन किया जाना बाकी है लेकिन अब इस पर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। झारखंड सरकार में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है। पार्टी का कहना है कि 11 जिलों में गठित 20 सूत्री में उसे उचित जगह और सम्मान नहीं दिया गया। आरजेडी मुद्दे को लालू प्रसाद तक पहुंचाने की तैयारी में है। 

केवल 1 जिले में आरजेडी को मिली जगह
आरजेडी का आरोप है कि उसे केवल 1 जिले (चतरा) में ही 20 सूत्री कमिटी में स्थान दिया गया है। यहां से सत्यानंद भोक्ता ने जीत भी हासिल की थी और सरकार में मंत्री भी हैं। पार्टी की शिकायत इस बात को लेकर है कि बाकी के 10 जिलों में कमिटी में आरजेडी को शामिल नहीं किया गया। वहां केवल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग हैं, जबकि चतरा में कमिटी के उपाध्यक्ष का पद तो आरजेडी को दिया गया लेकिन बाकी मेंबर्स में झामुमो और कांग्रेस के लोग हैं। आरजेडी इस बात से खफा है। उसका कहना है कि या तो उसे बाकी 10 जिलों में भी कमिटी में जगह दी जाती, या फिर चतरा में आरजेडी को ज्यादा से ज्यादा स्थान और सम्मान मिलना चाहिए था। 

आरजेडी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का मंतव्य
झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व अध्यक्ष अभय सिंह द फॉलोअप से बातचीत में कहा कि हमलोग सरकार से वार्ता करने वाले हैं। सरकार को मेरा सुझाव है कि चुनाव में महागठबंधन हुआ था। वादे के मुताबिक कॉर्डिनेशन कमिटी नहीं बनी। 15 सूत्री कमिटी में कहीं आरजेडी को जगह नहीं मिली। 20 सूत्री में केवल 1 जिला मिला। वहां भी कांग्रेस और झामुमो का हस्तक्षेप है। अन्य जिलो में भी राष्ट्रीय जनता दल को भागीदारी मिलनी चाहिए। 

चुनाव लड़ने वाली सीटों पर भी जगह नहीं
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बतौर महागठबंधन का हिस्सा राष्ट्रीय जनता दल 7 सीटों पर चुनाव लड़ी। एक सीट पर जीत मिली। सत्यानंद भोक्ता जीते और सरकार में श्रम मंत्री बने। आरजेडी का मानना है कि उसे उन सभी जिलों में बनी कमिटियों में स्थान मिलना चाहिए था जहां से पार्टी चुनाव लड़ी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पार्टी अब इस मामले को हाईकमान तक ले जाने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद से बात होगी। 

आरजेडी को अनदेखा करना उचित नहीं है
पार्टी प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार ने द फॉलोअप से कहा कि हमलोग मुख्यमंत्री से बात करें। कहा कि बात केवल 15 सूत्री या 20 सूत्री कमिटी की नहीं है। इससे पहले उपभोक्ता फोरम का गठन किया गया। उपभोक्ता फोरम में आरडेजी को भागीदारी नहीं मिली। सीडब्लूयसी में भी आरजेडी को जगह नहीं मिली। मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय जनता दल को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हमारा भी जनाधार है। ये महागठबंधन में उचित नहीं है। 

क्यों किया जाता है 20 सूत्री कमिटी का गठन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 20 सूत्री कमिटी का गठन जिलों में सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करने के लिए किया जाता है। इसमें 1 उपाध्यक्ष और 8 मेंबर्स होते हैं। कमिटी का अध्यक्ष जिले के उपायुक्त को बनाया जाता है। महागठबंधन ने संयुक्त रूप से इसका वादा किया था। सरकार के 2 साल पूरे होने के बाद इसका गठन किया गया है लेकिन गठन होते ही आपसी खींचतान भी शुरू हो गई है।