द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के तमाम बड़े क्षेत्रीय दलों की बैठक बुलाई। उससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती के एक बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल, मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंची महबूबा मुफ्ती ने कहा का भारत को पाकिस्तान के साथ भी वार्ता करनी चाहिए। इस बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है। श्रीनगर सहित जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ पीएम की मीटिंग
गौरतलब है कि दिल्ली में गुरुवार को तीन बजे से पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों की बैठक है। इस बैठक में घाटी के 14 नेता भाग ले रहे हैं। इनमें से चार पूर्व मुख्यमंत्री हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों में महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला का नाम उल्लेखनीय है। गौरतलब है कि 22 जून को नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के आवास पर गुपकर संगठन की अहम बैठक हुई थी। इसमें मीटिंग का एंजेंडा तय करने को लेकर चर्चा हुई थी।
महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान वाले बयान पर जम्मू में हंगामा
इस बैठक के बाद पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि प्रधानमंत्री को कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान से भी वार्ता करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि यदि कश्मीर के मसले पर बाकी तमाम देशों से चर्चा हो सकती है तो फिर पाकिस्तान से क्यों नहीं। इस बात को लेकर बवाल शुरू हो गया है। जम्मू में सबसे ज्यादा प्रदर्शन हो रहा है। डोगरा फ्रंट इस प्रदर्शन की अगुआई कर रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाल देना चाहिए। डोगरा फ्रंट के अलावा यूनाइटेड जम्मू नाम के संगठन ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही।
फारूक अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के बयान से किनारा किया
इस पूरे मसले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का बयान भी काफी अहम है। महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान से वार्ता वाले बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ये पूरी तरह से महबूबा का निजी बयान है। हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है। हमें केवल अपने मुल्क से मतलब है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के साथ बीजेपी जम्मू-कश्मीर में सरकार बना चुकी है। अगस्त 2019 में विशेष दर्जा वापस लिए जाने से पहले बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। उसके बाद से महबूबा के तेवर तल्ख हैं।