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छठी जेपीएससी परीक्षा रद्द करने और रोजगार की मांग को लेकर छात्रों का हल्ला बोल

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द फॉलोअप टीम, गिरिडीह: 
छठी जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग अभी भी लगातार उठ रही है। गिरिडीह के डुमरी के SDO कार्यालय में जेपीएससी के अभ्यार्थियों ने बैठक की और राज्यव्यापी आन्दोलन की रणनीति बनाई। बैठक में राज्य के 24 जिलों में चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन करने पर सहमति बनी। बैठक के बाद वही भी जेपीएससी के विरोध में नारे लगाए गए और धरना प्रदर्शन किया गया। 

फिर से परीक्षा आयोजित करने के मांग 
मौके पर अभ्यर्थियों ने कहा कि  सरकार सभी गलत ढंग से चयनित सभी 326 अधिकारियों को बर्खास्त करें साथ ही पूरी परीक्षा रद्द कर नये सिरे से परीक्षा आयोजित करें। अभ्यर्थियों ने कहा कि जबतक छठी जेपीएससी परीक्षा को रद्द नहीं किया जायेगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा। 




खतियान आधारित नियोजन नीति बनाने की मांग
एक अभ्यर्थी सफी इमाम ने कहा " जेपीएससी भ्रष्टाचार की जड़ है, यहीं से भ्रष्टाचार पूरे झारखंड में फैल रहा है। उन्होंने झारखंड के युवाओं व बुद्धिजीवियों से गुजारिश किया कि जेपीएससी में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायें और झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनायें।"  

खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग 
आंदोलनरत अभ्यार्थी परवेज आलम ने कहा कि "झारखंड में खाली पड़े पदों पर जेपीएससी/जेएसएससी के माध्यम से बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलना चाहिए।  उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बीस वर्ष बाद भी रोजगार के लिए युवा भटक रहे हैं। सरकार को चाहिए कि जितने भी खाली पड़े पद हैं उसपर जल्द से जल्द वेकेंसी निकालनी चाहिए। 



क्या है छठी जेपीएससी का मामला 
छठी जेपीएससी परीक्षा में गलत ढंग से चयनित 326 अधिकारियों को हाईकोर्ट ने सात जून को अवैध घोषित कर दिया है और आठ सप्ताह के अंदर नई मेघा सूची जारी करने को कहा है। लेकिन छात्रों का एक समूह शुरू से ही छठी जेपीएससी में हुई अनियमितता के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. छात्रों का कहना है कि छठी जेपीएससी की परीक्षा रद्द करनी चाहिए।