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तेज प्रताप यादव को हसनपुर में दिखा भूत, कहा- आपका भाषण सुनने आया हूं! 

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द फॉलोअप टीम, पटना: 


लालू के लाल तेजप्रताप यादव अपने निराले अंदाज के लिए जाने जाते हैं। अब ताजा मामला तो और भी दिलचस्प है। दरअसल, लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को आजकल सपने में भूत दिखाई देता है। सोमवार को फेसबुक लाइव के दौरान उन्होंने खुद इस का खुलासा किया। तेजप्रताप यादव का कहना है कि भूतों को उनका भाषण बहुत अच्छा लगता है। भूतों ने ही उनको सपने में बताया कि वे उनका भाषण सुनने आते हैं। वे भूतों से डरते नहीं हैं। 

तेजप्रताप यादव ने किया सपने का जिक्र
तेज प्रताप यादव ने सोमवार को फेसबुक लाइव के दौरान कहा कि मैंने एक सपना देखा। मैंने देखा कि मैं हसनपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहा हूं। तभी मैंने देखा कि ताड़ के पेड़ पर भूत बैठा है। वो हमें पकड़ने आ रहा था। जब मैंने महादेव का नाम लिया तो वो सकपका गया। मैं भी डरा नहीं। उलटा पूछा कि हमें डरा रहे हो। तब भूत ने कहा कि नहीं मैं तो आपका भाषण सुनने आया हूं। तेज प्रताप यादव ने ये भी कहा कि लोग कहते हैं कि उनके भाषण में लालू की छवि दिखती है। 

लोग कहते हैं कि आपमें लालू की छवि है! 
तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनसे लोगों ने कहा है कि आप भाषण देते हैं तो लगता है कि लालू बोल रहे हैं। मेरे बारे में लोगों को सपने आने लगे हैंष। तेजप्रताप यादव ने कह कि हमने गरीबी नहीं देखी। संघर्ष नहीं किया। सब कुछ बना बनाया मिल गया। हमारे पिता हमारे आदर्श हैं। उन्होंने नौजवानों, छात्रों और महिलाओं के लिए काफी संघर्ष किया। सभी जातियों को एक सा समझा। तेज प्रताप यादव ने कहा कि वे पिता के पदचिह्नों पर चल रहे हैं। उनकी तरह ही बनना चाहते हैं।

 

लालू यादव के संघर्षों को तेज ने किया याद
तेज प्रताप यादव ने इस फेसबुक लाइव सेशन के दौरान कहा कि किसने सोचा था कि फुलवरिया गांव में जन्मा एक बच्चा बड़ा होकर बड़ों-बड़ों को पटखनी देगा। लालू प्रसाद यादव ने सड़क से संसद तक गरीबों की आवाज उठाई। आज के नेता नए-नए होर्डिंग लगाते हैं। नेता खादी के नए-नए कुर्ता पायजामा सिलवा लेते हैं। चार्ली का परफ्यूम लगा लेते हैं तो सोचते हैं कि नेता हो गए। नेता बनने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जमीन से जुड़ा काम करना पड़ता है। 

जेकरा हाथ में चक्का बा..ओकर जीत पक्का बा
तेज प्रताप यादव ने छोटे भाई तेजस्वी का भी जिक्र किया। कहा कि जब हम दोनों छोटे भाई छोटे थे तो नारा लगाते थे कि जेकरा हाथ में चक्का बा, ओकर जीत पक्का बा। पिताजी ने जिनको आगे बढ़ाया उन्होंने बाद में पत्ता काटने का प्रयास किया। तेज प्रताप नेहा कि हमें देखकर बहुत सारे लोग बाल बढ़ाने लगे थे। हमने बाल कटवा लिया। पिताजी से लगातार बात होती रहती है। हम उनको सब बताते रहते हैं। हम छात्रों और नौजवानों को सड़क पर संघर्ष करते देखना चाहते हैं।