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बिहार के पूर्णिया से पकड़ा गया फर्जी आईजी बनकर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को धमकी देनेवाला, पुलिस ने आरोपी का बैकग्राउंड खंगाला तो उड़ गए होश

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द फॉलोअप टीम, साहिबगंज
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को फोन पर धमकी देकर ठगी का प्रयास करनेवाला साहिबगंज के एक शख्स को पुलिस ने बिहार के रजनी चौक, पूर्णिया से गिरफ्तार कर लिया है। साहिबगंज के बरहड़वा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्रामशीर गांव निवासी 42 वर्षीय कृष्ण कुमार सिंह उर्फ सिद्धनाथ सिंह अपने आपको दिल्ली क्राइम ब्रांच का आईजी एके सिंह बताकर लोगों को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की धमकी देकर ठगी का कार्य करता था।

मोबाइलधारक भी धमकी के भुक्तभोगी निकले
एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने शनिवार को पुलिस लाइन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 6 सितंबर को विभाग के वरीय पदाधिकारियों द्वारा जानकारी मिली कि मोबाइल संख्या 9678857255 पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को धमकी मिली है। उक्त नंबर से संपर्क रखनेवाले दो मोबाइलधारक साहिबगंज के निवासी हैं। उक्त सूचना के आलोक में पुलिस द्वारा उक्त फर्जी आईजी से संपर्क रखनेवाले दोनों मोबाइलधारकों का सत्यापन किया गया। पूछताछ के क्रम में मोबाइलधारकों ने बताया कि वे लोग भी धमकी का भुक्तभोगी हैं। उनलोगों को भी उक्त मोबाइलधारक द्वारा अपने आपको दिल्ली क्राइम ब्रांच का आईजी एके सिंह बताते हुए आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में भयादोहन की बात कही थी। इसके बाद दोनों पीड़ित बरहड़वा निवासी अभिजीत सिन्हा तथा श्रीकुंड गुमानी निवासी मोहम्मद अब्दुल कादिर से आवेदन प्राप्त कर बरहड़वा थाना में बीते 7 सितंबर तथा 10 सितंबर को अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की गई।

फर्जी आईजी पूर्णिया से गिरफ्तार
तकनीकी सेल की मदद से मोबाइल धारक 9678857255 की पहचान सुनिश्चित करने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए बरहड़वा एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा की अगुवाई में एक छापेमारी टीम गठित की गई। इसके बाद टीम ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते क्राइम ब्रांच दिल्ली के फर्जी आईजी कृष्ण कुमार सिंह उर्फ सिधनाथ सिंह सिंह को बीते 11 सितंबर को रजनी चौक पूर्णिया बिहार से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने एमआई, नोकिया, सैमसंग, माइक्रोमैक्स, कार्बन समेत अन्य कंपनियों के कुल आठ मोबाइल और सिम संख्या 9678857255 के अलावा एचडीएफसी बैंक का खाता संख्या 501001307698 का पासबुक, चेक बुक एवं एक डेबिट कार्ड, सिद्धनाथ सिंह नाम का आधारकार्ड तथा पेन कार्ड भी जब्त किया।

फर्जी आईजी पर ठगी के दर्ज हैं कई मामले
एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने बताया कि अपने आपको दिल्ली क्राइम ब्रांच का आईजी बतानेवाले कृष्ण कुमार सिंह उर्फ सिद्धनाथ सिंह पर फोन से भयादोहन कर ठगी करने के कई मामले दर्ज हैं। यह एक शातिर ठग है, जो नकली आईजी बनकर विभिन्न शहरों में विभिन्न नाम से लोगों को ठगने का काम किया है। एसपी ने बताया कि उसके खिलाफ बरहड़वा थाना के अलावा पूर्व में कानपुर में दर्ज ठगी के मामले में वह जेल जा चुका है। इसी क्रम में उसने ठगी करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र के सीएम को भी फोन पर धमकाया था। एसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार कृष्ण कुमार सिंह ने अपने आपको मूल रूप से बलिया जिला अंतर्गत धोकटी थाना क्षेत्र के करणछपरा गांव निवासी बताया है। पूर्व में वे उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर भी कार्य कर चुका है। उसने बलिया, साहिबगंज के बरहड़वा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्रामशीर तथा पूर्णिया में तीन शादियां भी की हैं। बताया गया कि पूर्णिया में जहां उसकी गिरफ्तारी हुई, वहां वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक फ्लैट में रह रहे थे। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में 2 दिन पहले मुंबई पुलिस भी यहां (बरहड़वा) पहुंची है।

उद्धव ठाकरे को फोन करने की बात स्वीकारी
गिरफ्तार फर्जी आईजी कृष्ण कुमार सिंह उर्फ सिद्धनाथ सिंह ने मीडिया के समक्ष स्वीकार करते हुए को बताया कि उसने 4 सितंबर को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लैंडलाइन नंबर पर फोन किया था। उसने यह फोन धमकाने या ठगी करने के लिए नहीं, बल्कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सही ढंग से जांच करवाने की बात कहने के लिए किया था। उसने किसी को भी धमकाने की बात से इनकार किया। उसने बताया कि कॉल डिटेल से पूरी जानकारी पुलिस के सामने आ जाएगी। वह 1998 से 2002 तक उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी के पद पर कार्य कर चुका है। शरीर खराब होने के चलते उसने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वे भाजपा से जुड़कर कार्य करते रहे हैं। झारखंड के साहिबगंज के बरहड़वा के ग्रामशीर गांव के अलावा बिहार के पूर्णिया में उनकी जमीन और मकान भी है, जहां उसने शादी की है तथा पत्नी वहीं रहती है। इधर काफी समय तक बरहड़वा में रहकर भाजपा के लिए कार्य करते रहे थे। लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के पहले से बिहार के पूर्णिया में रह रहे थे।