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परिवहन विभाग ने भाड़ा बढ़ाने की नहीं दी मंजूरी, खुद ही मनमाना किराया वसूल रहे बस संचालक

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द फॉलोअप टीम, रांची:

इन दिनों बस का किराया बढ़ाने की मांग झारखंड बस ऑनर्स एसोसिएशन की तरफ से लगातार की जा रही थी। कोरोना महामारी के कारण परिवहन विभाग ने किराया बढ़ाने पर रोक लगा दी है। परिवहन आयुक्त किरण कुमारी पासी ने बस संचालकों को स्पष्ट रूप से किराया बढ़ाने पर मना कर दिया। झारखंड बस ऑनर्स एसोसिएशन ने भी किराया बढ़ोतरी की विधिवत घोषणा नहीं की है। 

सभी जिलों के लिए बढ़ाया गया किराया
किराया बढ़ाने की मंजूरी नहीं मिलने के बाद भी रांची से दूसरे जिलों के लिए चलने वाली बसों में अपने मन से ही किराया बढ़ा कर लिया जा रहा है। रांची से सिमडेगा, चक्रधरपुर और पलामू रूट की बसों के किराए में 50 से 60 रुपए खुद से ही बढ़ा दिए गए हैं। किराया बढा़ने के पीछे बस संचालकों का तर्क ये है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो गई है। सेनिटाइजेशन का भी खर्चा लगता है। सीमित यात्रियों को ही बिठाने की इजाजत है। 

कहां कितना बढ़ा के लिया जा रहा है। 
सिमडेगा रूट का किराया 200 रुपये प्रति सीट था। अब 250 रुपए कर हो गया है। चक्रधरपुर का किराया 150 रुपए था, अब 200 लिए जा रहे। गुमला, पलामू, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह रूट की बसों का किराया 50 रूपये के करीब बढ़ाया गया है। यारी इस वजह से विरोध नहीं कर रहें हैं कि अगर बस बंद हो गया तो यात्री आना जाना कैसे करेंगे। 8 जुलाई के बाद से हो सकें तो इंटर स्टेट बस चलने की संभावना है। तब दूसरे राज्यों का सफर भी महंगा होगा। बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल रूट की बसों का किराया भी बढ़ाने की तैयारी है। यात्रियों के लिए चिंता की बात है। 

डीजल महंगा होने से बढ़ा किराया 
झारखंड बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने बताया कि डीजल काफी महंगा हो गया है। जिले के अंदर बसें चलनी शुरू हुई हैं। यात्री नहीं मिल रहे हैं, इसलिए किराया बढ़ाना मजबूरी है। खुद से ही किराया बढ़ा लेने पर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।