सीएम हेमंत सोरेन ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि जेपीएससी परीक्षा शुल्क में संसोधन किया गया है। सीएम हेमंत सोरेन ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट के जरिए इस बात की जानकारी दी है कि आवेदन शुल्क 600 रुपये से घटाकर 100 रुपये कर दी गई है। सीएम की इस घोषणा के बाद बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की शुरुआत हो गई है। दोनों ही पार्टियों के ट्विटर हैंडल से एक-दूसरे पर निशाना साधा जाने लगा है।
सीएम की ट्विटर पर फीस कम करने संबंधी घोषणा के बाद बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने एक ट्वीट किया। आरोप लगाया कि पहले फीस बढ़ाकर फिर उसे कम करके सीएम वाहवाही लूट रहे हैं, जबकि नियुक्ति प्रक्रिया रद्द करके पहले ही हजारों छात्रों का भविष्ट लटका किया गया। बाबूलाल के इस ट्वीट का जवाब जेएमएम झारखंड और जेएमएम कोडरमा के ट्विटर हैंडल से दिया गया। यूं कहें कि दोनों पार्टियों में ट्विटर वॉर छिड़ गया है।
पहले बढ़ाया और फिर कम किया आवेदन शुल्क
दरअसल, कुछ दिन पहले जेपीएससी ने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें सामान्य, ईडब्ल्यूएस, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 600 रुपये रखा गया था। वहीं झारखंड के अनुसूचित जनजाति, आदिम जनजाति सहित अनुसूचित जाति के लिए परीक्षा शुल्क 150 रुपये रखा गया था। झामुमो ने विधानसभा चुनाव 2019 के समय अपने घोषणापत्र में ये वादा किया था कि आवेदन शुल्क अधिकतम 100 रुपया वहीं न्यूनतम 50 रुपया ही रखा जाएगा।
इसी बात को लेकर छात्रों में आक्रोश था। विपक्ष ने भी झामुमो के घोषणापत्र को आधार बनाते हुए सरकार पर निशाना साधा था। छात्रों की नाराजगी और विपक्ष के तेवर को देखते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने ट्विट के जरिए जानकारी दी कि फीस की रकम घटा दी गई है।
सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट के जरिए दी जानकारी
सीएम ने इस बाबत अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया। लिखा कि, 'घोषणा पत्र मेरे लिए वचन पत्र है। इसे अक्षरश पालन करने के लिए हम कृत-संकल्पित हैं। चाहे वो जेपीएससी का विषय हो, स्थानीय नीति का विषय हो, आरक्षण बढ़ाने का विषय हो या फिर अनुबंधकर्मियों का विषय। इन सभी का समाधान मुझे देना है'। सीएम ने आगे लिखा कि इसी क्रम में परीक्षा शुल्क में बदलाव का आदेश आपके समक्ष'।
सीएम के ट्वीट पर बाबूलाल मरांडी का पलटवार
इस बीच सीएम के ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने भी एक ट्वीट किया। लिखा, 'सीएम ने पहले परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी की और फिर कम करके खुद की वाहवाही लूट रहे हैं। नियोजन नीति के मामले में भी सरकार ने यही किया। पूर्व की परीक्षाएं रद्द करने से हजारों छात्र प्रभावित हुए हैं। सरकार ऐसे कई मामलों में मौन है और राज्य के बेरोजगार सड़कों पर हैं'।
बीजेपी और झामुमो में छिड़ गया है ट्विटर वॉर
सबसे पहले बाबूलाल के इस ट्वीट का जवाब जेएमएम कोडरमा के ट्विटर हैंडल से दिया गया। इस ट्विटर हैंडल से लिखा गया। 'बाबूलाल जी आपके कार्यकाल के समय क्या शुल्क था याद है कुछ? नही? चलिए कुछ और पूछते हैं, पिछले भाजपा की रघुवर सरकार में कितनी JSPC आयोजित हुई? नहीं? अच्छा तब तो आपका ज़मीर नही बिका था ख़ैर मुंह न खुलवाइए! खुद किए नहीं कुछ और अब करने दे नहीं रहे। जेएमएम यहीं नहीं रूकी।
जेएमएम झारखंड के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी एक ट्वीट किया गया। बाबूलाल मरांडी और बीजेपी झारखंड को टैग करते हुए लिखा कि, 'बीजेपी शासनकाल में लिए जाने वाले शुल्क को सरकार ने कम किया इसलिए बाबूलाल जी घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। वर्षों बीजेपी सत्ता में रही मगर कभी भी इन्होंने युवाओं के बारे में नहीं सोचा। नियुक्तियों का ऐसा मकड़जाल बनाया कि प्रत्येक युवा त्राहिमाम करता रहा'।