तिसरी, सतगांवा, जयनगर, आदि इलाके में एक बड़ी आबादी अभ्रक खनन से जीवन यापन करती है। लेकिन कोई वैध खदान नहीं होने के कारण लोगों को बिचौलिए का सहारा लेकर काम करना पड़ता है।