हम उलिहातू गांव पहुंचे तो मुहाने पर ही वह घर दिखा जहां धरती आबा ने जन्म लिया था। कभी मिट्टी के रहे उस मकान को पक्का कर दिया गया है। सामने ही भगवान बिरसा मुंडा का स्मारक बना है। उनके नाम पर एक लाइब्रेरी भी बनाई गई है।