logo

BIHAR : यूट्यूब पर वीडियो देखकर घर पर ही किया एक्सरसाइज, गर्दन हो गई टेढ़ी 

neck_pain_kids_Big.jpg

पटना:
वजन से कई गुणा ज्यादा भारी स्कूल बैग के बोझ तले बच्चों दब रहें है। बैग के वजन के कारण उनके गर्दन में दर्द और कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। पटना के गोला रोड से बैग के वजन के कारण बच्चे के गर्दन में अकड़ आने की खबर सामने आई थी। जिसके बाद वह यूट्यूब पर वीडियो देखकर घर पर ही योग अभ्यास से उसे ठीक करने के प्रयास में जुट गया। बच्चे ने 15 दिन तक बिना किसी देख-रेख में शीर्षासन और अन्य एक्सरसाइज की थी, जिसका नतीजा हुआ की उसकी गर्दन पूरी तरह से टेढ़ी हो गई। 


इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में हुआ इलाज

उसकी टेढ़ी गर्दन के कारण उसे दूसरे बच्चे 'झुकेगा नहीं' कहकर कमेंट करने लगे। उसकी समस्या बढ़ने लगी तो उसे  इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में दिखवाया गया। जहां डेढ़ महीने तक इलाज के बाद छात्र की गर्दन अब सीधी हुई है। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है, यू्ट्यूब वीडियो से इलाज में मर्ज बढ़ाने वालों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह कहानी सिर्फ 11 साल के राहुल की नहीं है, बल्कि घर-घर की है। बच्चों को छोटी उम्र से ही मोबाइल की लत लग जा रही है। 


रोजाना मोबाइल पर दो घंटे से ज्यादा वक्त गुजारते है बच्चे
अभी के पेरेंट्स बच्चो को मोबाइल देकर उसे व्यस्त कर देते हैं। जिससे वे अपना काम पूरा कर सकें। जिसका नतीजा यह है कि बच्चो को मोबाइल की आदत ही हो जाती है। भारतीय बाल अकादमी की ओर से कोविड काल में यह खुलासा हुआ था कि देश भर में 18 माह से कम उम्र के 99.9 प्रतिशत बच्चे रोजाना मोबाइल पर दो घंटे से ज्यादा वक्त गुजारते हैं। इसका दुष्प्रभाव बच्चों की आंखों के साथ दिमाग के विकास और व्यक्तित्व पर पड़ रहा है। मार्च में पहले सरकार ने संसद में बताया कि देश में 23.8 फीसदी बच्चे रात में सोने से पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। लोकसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि देश में 37.15 फीसदी बच्चों पर स्मार्टफोन्स का बुरा असर देखा जा रहा है। इन बच्चों की एकाग्रता के स्तर में कमी का अनुभव किया गया है।


इंटरनेट फायदेमंद तो नुकसानदेह भी 
आज के समय में इंटरनेट जितना फायदेमंद है उसके उतने ही नुकसान भी है। कुछ लोग इंटरनेट का सदुपयोग तो कई दुरपयोग भी करते है। ऐसे में घंटो मोबाइल देना  खतरनाक हो जाता है।