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पटना : NGT ने बिहार सरकार से पूछा कोरोना महामारी के दौरान कितनी लाशें गंगा के किनारे तैरती मिली थी, रिपोर्ट पेश करें 

पटनाः
बिहार में कोरोना काल में नदियों में तैरती लाश का वीडियो सरकार से लेकर आम आदमी तक सब ने देखा है। लेकिन गंभीरता से किसी ने नहीं लिया। इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गंभीरता से लिया है। NGT ने बिहार सरकार से पूछा है - "बिहार में साल 2018 और 2019 में कोविड-19 की शुरुआत से पहले और 2020, 2021 में कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से इस साल 31 मार्च तक गंगा नदी में कितने मानव शव तैरते देखे गए? कितने नदी किनारे दफनाए गए? इतना ही नहीं NGT ने यह भी पूछा है कि कितने मामलों में बिहार सरकार ने शवों के दाह संस्कार या दफनाने के लिए वित्तीय सहायता दी? गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने या नदी के किनारे शवों को दफनाने से रोकने के लिए जन जागरूकता लाने तथा जन भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?


बिहार के गृह और हेल्थ डिपार्टमेंट मांगा गया रिपोर्ट
बिहार के गृह और हेल्थ डिपार्टमेंट से जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की बेंच ने  फैक्चुअल वेरिफिकेशन रिपोर्ट जमा करने को कहा है। दरअसल NGT ने यह भी पूछा कि क्या पर्यावरण नियमों का कोई उल्लंघन हुआ है और अगर हां, तो किए गए बचाव उपायों का डिटेल मांगा गया है। ट्रिब्यूनल ने यह जानने की कोशिश की है कि क्या कोई आपराधिक मामला दर्ज किया गया था?