पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में राज्य के विकास को गति देने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में कुल 146 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधार से जुड़े अहम फैसले शामिल हैं। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान दक्षिण बिहार के जिलों में की गई घोषणाओं के तहत 120 नई योजनाओं को स्वीकृति दी है, जिन पर कुल 30,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे पहले, उत्तर बिहार की 187 योजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। इस प्रकार, प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए अब तक कुल 50,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार: 2,857 प्रधानाध्यापक पदों का सृजन
राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राजकीय प्रोजेक्ट स्कूल, कन्या विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 2,857 प्रधानाध्यापक पदों के सृजन को मंजूरी दी है। साथ ही, पूर्व में स्वीकृत 1,539 रिक्त पदों को प्रत्यर्पित किया गया है, जबकि 1,318 पदों को अप्रासंगिक घोषित किया गया है।
प्रशासनिक सख्ती: दो अधिकारियों की बर्खास्तगी
सरकार ने प्रशासनिक सुधार के तहत नालंदा के तत्कालीन जिला अवर निबंधक नीरज कुमार और भोजपुर जिले के तरारी प्रखंड की तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मंजू कुमारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कदम सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बोर्ड-निगम के अध्यक्षों के लिए वाहन सुविधा में संशोधन
कैबिनेट ने विभिन्न आयोगों, बोर्डों, निगमों और परिषदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के लिए वाहन सुविधा में संशोधन को मंजूरी दी है। अब उन्हें स्थापना विभाग से एक एसी वाहन और प्रति माह 350 लीटर ईंधन की सुविधा मिलेगी। वाहन की अनुपलब्धता की स्थिति में, पर्यटन विभाग द्वारा निर्धारित दर पर एसी वाहन उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी मासिक परिचालन सीमा 4,000 किलोमीटर होगी। इन निर्णयों से बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है, जिससे राज्य के समग्र विकास को नई दिशा मिलेगी।