रांची
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की बदतर स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय के अनुसार, निगम प्रशासन आउटसोर्स कर्मियों से उनकी नियुक्ति शर्तों के विपरीत खतरनाक और अति-कुशल कार्य करवा रहा है, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ रही है। हाल के महीनों में कई आउटसोर्स कर्मियों की कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं के कारण मृत्यु हो चुकी है, जो प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।
राय ने कहा कि ऊर्जा निगम में आउटसोर्स कर्मियों को केवल सहायक कार्यों के लिए अनुबंधित किया जाता है, लेकिन जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल भिन्न है। पोल पर चढ़ना, ट्रांसफार्मर की मरम्मत करना, हाई वोल्टेज लाइनों पर काम जैसे जोखिमपूर्ण कार्य इन कर्मियों से करवाए जा रहे हैं — जबकि ये कार्य प्रशिक्षित और स्थायी कर्मचारियों के दायरे में आने चाहिए। इसके उलट, स्थायी कर्मचारियों को अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले निरीक्षण और कार्यालयी कार्यों में नियुक्त किया गया है।
संघ ने इसे न केवल श्रम कानूनों का उल्लंघन, बल्कि मानवाधिकारों का भी घोर हनन बताया है। बिना पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, प्रशिक्षण और बीमा के इस तरह का कार्य देना पूरी तरह अमानवीय है। संघ का स्पष्ट कहना है कि निगम की यह नीति "कम खर्च, ज्यादा काम" की सोच पर आधारित है, जो न केवल नैतिक दृष्टि से गलत है, बल्कि कानूनी रूप से भी अस्वीकार्य है।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
1. आउटसोर्स कर्मचारियों से केवल वही कार्य लिए जाएं, जिनके लिए उन्हें नियुक्त किया गया है।
2. खतरनाक और तकनीकी कार्यों के लिए केवल प्रशिक्षित और स्थायी कर्मचारियों को ही लगाया जाए।
3. जोखिमपूर्ण कार्यों से पहले कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण, सुरक्षा उपकरण और बीमा सुविधा प्रदान की जाए।
4. कार्यस्थल दुर्घटनाओं में मारे गए कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दी जाए।
5. आउटसोर्सिंग नीति की समुचित समीक्षा कर उसमें आवश्यक सुधार लाए जाएं।
संघ का मानना है कि किसी भी संस्थान की बुनियाद उसके श्रमिक होते हैं। यदि श्रमिक सुरक्षित नहीं हैं, तो संस्था की कार्यप्रणाली भी अस्थिर हो जाती है। ऐसे में श्रमिकों के अधिकारों और सुरक्षा का सुनिश्चित किया जाना अत्यावश्यक है।
संघ ने राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि आउटसोर्स कर्मियों का शोषण रोका जा सके और उन्हें सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।