जमशेदपुर
जमशेदपुर में बुधवार शाम बारिश के कारण मानगो पुल पर भीषण जाम लगा। इस दौरान मानगो ब्रिज पर अव्यवस्था का जाम देखा गया। देर शाम करीब 7.30 बजे से लेकर रात 11 बजे तक नये और पुराने दोनों ब्रिज पर सैकडों वाहन जाम में फंसे रहे। इससे मानगो गोलचक्कर से साकची, भुईयांडीह, मानगो और मरीन ड्राइव जानेवाल रास्ते में घंटों जाम लगा रहा। किसी को भी निकलने तक की जगह नहीं मिल रही थी। इस दौरान जाम में कई एंबुलेंस भी फंसी रही। ऐसे में डुमरिया सीएचसी से एंबुलेंस से आ रही गर्भवती कोवाली की माला रानी भगत (24) भी जाम में फंसे होने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। इस दौरान एनएच-33 बालीगुमा के आसपास उसने एंबुलेंस में बेटी को जन्म दे दिया। इसके बाद एंबुलेंस आगे बढ़ी, तो मानगो पुल पर एंबुलेंस जाम में फंस गयी। आम लोगों की मदद से जैसे-तैसे कर एंबुलेंस को जाम से बाहर निकाला गया।
इसके बाद महिला को फौरन एमजीएम अस्पताल भेजा गया। माला रानी के पति फलचंद भगत ने बताया कि उनका ससुराल डुमरिया के भागाबांधी गांव में है, जनवरी से ही उसकी पल्नी अपने मायके चली गयी थी, प्रसव पीड़ा के बाद उसे अस्पताल लाया जा रहा था। पति फूलचंद भगत ने बताया कि बुधवार की शाम प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे डुमरिया सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर किया गया। देर होने के कारण पत्नी को एंबुलंस से लेकर वे जमशेदपुर आ रहे थे। इसके बाद जब मानगो डिमना रोड की ओर बढे़ तो जानकारी मिली की पुल काफी देर से जाम है। प्रसव पीड़ा और बच्चे की स्थिति को लेकर वे लोग काफी परेशान रहे, एक घंटे से अधिक समय तक वे मानगो पुल से पहले डिमना रोड पर जाम में फंसे रहे। फुलचंद भगत ने बताया कि उसका 6 साल का एक बेटा भी है।
दूसरी तरफ घंटों जाम होने के बाद भी मानगो ब्रिज पर पुलिस नहीं दिखी। करीब 2 घंटे बाद मानगो और साकची पुलिस मौके पर पहुंची और वाहनों को जाम से मुक्त कराने में जुट गयी। इस दौरान राहगीर खुद भी अपनी गाड़ियों से उतर कर जाम को समाप्त कराने में जुट गये। आम लोगों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ वाहन जांच के लिए ही रह गयी है। उसे शहर में लगने वाली जाम से काई लेना-देना नहीं है। मैके पर पुलिस के आने के बाद भी आम लोगों ने पुलिस को भला-बुरा कहा।