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टीचर हो तो ऐसा, स्कूल के लिए दान कर दी अपनी जमीन

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द फॉलोअप डेस्क
समाज के निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। शिक्षक ही समाज को सही दिशा देने की क्षमता रखता है। कुछ शिक्षक ऐसा भी होते है जो अपनी जिंदगी की पूरी पूंजी दान कर देते हैं और समाज में मिशाल कायम करते है। ऐसा ही कुछ झारखंड के पाकुड़ जिले के एक शिक्षक ने किया हैं। पाकुड़ सदर प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय गंगारामपुर के शिक्षक मो. शहाबुद्दीन शेख ने अपने नेक काम से एक बड़ा छाप समाज में छोड़ा है। उन्होंने स्कूल के भवन के लिए अपनी जमीन दे दी। जानकारी के अनुसार साल 2016 में उन्होंने 10 कट्ठा जमीन स्कूल के भवन निर्माण के लिए दान कर दी थी। जान कर खुशी होगी कि अब इस स्कूल में 270 बच्चे विधाग्रहण कर रहे हैं।


शुरूआत में 3 शिक्षक एक खपरैल के मकान में पढ़ाते थे
शहाबुद्दीन शेख ने बताया कि इस स्कूल में मेरी बहाली साल 2016 में हुई थी। उन्होंने बीती बात याद करते हुए आगे बताया कि बात साल 2002 की है। इस इलाके में लोग बसना शुरू किए थे। बस्ती बिल्कूल नई थी। आसपास कोई स्कूल भी नहीं थे। उस वक्त स्कूल अभियान विद्यालय के रूप में चलता था। यह 3 शिक्षक एक खपरैल के मकान में पढ़ाते थे। उस वक्त करीब 150 बच्चे पढ़ रहे थे। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ रही थी। आगे चलकर अभियान विद्यालय अपग्रेड होकर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय हो गया।


बच्चों की पढ़ाई न रूके इसलिए अपनी जमीन दे दी
शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि जब मेरी बहाली हुई थी उस वक्त भवन निर्माण के लिए अधिकारी जमीन की खोज में लगे थे। लेकिन कहीं भी सरकारी जमीन नहीं मिली। शहाबुद्दीन ने कहा, 'मैं सोच में पड़ गया कि अगर भवन नहीं बना तो यहां के बच्चों का क्या होगा। तब मैंने परिवार में बात रखी और सभी ने मेरा समर्थन किया। फिर पहली बार पांच कट्ठा जमीन स्कूल को दान दी। आगे चलकर फिर जमीन की जरूरत पड़ी तो पांच कट्ठा और जमीन दे दी। इस जमीन पर अब दो मंजिला भवन बना है। अभी यहां 270 बच्चों का नामांकन है।' शहाबुद्दीन शेख अब इस स्कूल के प्रधान शिक्षक हैं।