द फॉलोअप डेस्क
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर झारखंड सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ''पिछले छह वर्षों में हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। लेकिन राज्य सरकार के लिए बेरोजगारी कोई मुद्दा ही नहीं है, युवाओं की पीड़ा से सरकार का कोई वास्ता नहीं रह गया।
सरकार ने युवाओं के नियोजन के लिए http://jharniyojan.jharkhand.gov.in पोर्टल शुरू किया, लेकिन यह ठीक से काम नहीं कर रहा है। यह समय पर अपडेट भी नहीं हो रहा। पोर्टल पर अब भी दावा किया जा रहा है कि निजी कंपनियों में ₹40,000 तक के वेतन वाली 75% नौकरियां स्थानीय युवाओं को मिलेंगी। लेकिन झारखंड हाईकोर्ट ने दिसंबर 2024 में इस नियम पर रोक लगा दी थी। झूठे वादों और गलत जानकारी देकर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। श्रम विभाग की जिम्मेदारी है कि वह युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाए, ताकि पलायन पर रोक लगाई जा सके।''