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घुसपैठ मामले में केंद्र सरकार ने रखा झारखंड हाईकोर्ट में अपना पक्ष, 12 सितंबर को होगी अगली सुनवाई 

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रांची 

बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बहस के दौरान सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने केंद्र की ओर से कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से संथाल परगना में आदिवासी आबादी घटना गंभीर मामला है। केंद्र सरकार इस मामले का अध्ययन कर रही है। केंद्र सरकार इस मामले में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से विचार-विमर्श कर रही है। इन एजेंसियों में IB, बीएसएफ आदि शामिल हैं। इसके बाद केंद्र सरकार विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा करेगी। इसके लिए समय चाहिए। इसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तिथि निर्धारित की है।

इसके साथ ही सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से निवेदन किया गया कि इस मामले में IB को प्रतिवादी के रूप से हटाया जाए। कहा कि कई गोपनीय बातें होती हैं, जिनको सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। कहा कि IB से मिली कुछ जानकारी को केंद्र सरकार की ओऱ से रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसलिए इसमें गोपनीयता बरते जाने की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया। 


बता दें कि सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता वर्चुअल रूप से मौजूद हुए। कोर्ट ने उनसे कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का झारखंड में प्रवेश गंभीर स्थिति है। घुसपैठिए झारखंड के रास्ते देश के अन्य राज्यों में भी घुसकर वहां की आबादी को प्रभावित कर सकते हैं। बहस में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट राजीव रंजन ने दलीलें पेश की। वहीं केंद्र सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट अनिल कुमार ने बहस की। 

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