द फॉलोअप डेस्क
गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर को लेकर पलामू के चैनपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। पुलिस पर फायरिंग और बमबारी के आरोप में अमन साहू और उसके गिरोह के 7 अज्ञात अपराधियों को आरोपी बनाया गया है। अब इस पूरे मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है।
एनकाउंटर केस की जांच सीआईडी को मिली
पलामू पुलिस ने अमन साहू और उसके गिरोह द्वारा पुलिस पर फायरिंग, बमबारी और पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एनकाउंटर के मामले में केस दर्ज किया है। फिलहाल इस केस की प्रारंभिक जांच इंस्पेक्टर सुरेश राम कर रहे हैं। घटनास्थल की वीडियोग्राफी, फिंगरप्रिंट और डॉग स्क्वॉयड से जांच कराई गई है। अब यह मामला सीआईडी को सौंपा गया है ताकि जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से हो सके।
जानकारी हो कि गैंगस्टर अमन साहू को एनआईए कोर्ट में पेश करने के लिए रायपुर से रांची लाया जा रहा था। एटीएस की टीम जब पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में अंधारी ढोड़ा के पास पहुंची, तो अमन साहू के गुर्गों ने अचानक पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग और बमबारी कर दी। पुलिस के मुताबिक, अमन साहू ने एक आरक्षी से इंसास राइफल छीन ली और अपने गिरोह के पास भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे रुकने की चेतावनी दी, लेकिन उसने उल्टा पुलिस पर फायरिंग कर दी। इस दौरान हवलदार राकेश कुमार की जांघ में गोली लग गई। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें अमन साहू को गोली लगी और वह गिरकर घायल हो गया। उसके गुर्गे जंगल और झाड़ियों का फायदा उठाकर फरार हो गए।
एनकाउंटर के दौरान कुल 38 राउंड फायरिंग हुई। इंस्पेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने 7 राउंड गोलियां चलाईं। पुलिस की एक गाड़ी फायरिंग और बमबारी में क्षतिग्रस्त हो गई। एनकाउंटर खत्म होने के बाद अमन साहू का शव बरामद हुआ, जबकि उसके साथी घायल होकर भाग निकले। घटनास्थल से 2 बम भी बरामद हुए हैं। एनकाउंटर के बाद भी अमन साहू गिरोह के फरार अपराधियों की तलाश जारी है। पुलिस का मानना है कि यह हमला अमन साहू को छुड़ाने और पुलिस के हथियार लूटने के इरादे से किया गया था। हालांकि, पुलिस ने उनकी योजना को नाकाम कर दिया। अब सीआईडी इस पूरे एनकाउंटर की जांच करेगी और फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए अभियान जारी रहेगा।