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दिल्ली : छठी JPSC मामले में सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित 

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रांची : 
सुप्रीम कोर्ट में छठी जेपीएससी मामले में सुनवाई पूरी हो गई है।  कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायाधीश जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस रवि कुमार की खंडपीठ में सुनवाई हुई। आज सबों को बेसब्री से कोर्ट के फैसले का इंतजार था, लेकिन अब कोर्ट के अगले सुनवाई तक इंतजार करना होगा। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि आज लगातार इस मामले में तीसरे दिन सुनवाई हुई है। प्रतिवादियों की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने अपनी ओर से दलील पेश करते हुए अदालत को बताया कि सहायक अभियंता नियुक्ति में JPSC कहती है कि 40 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। वही मुख्य परीक्षा में इसके विपरित मेरिट लिस्ट जारी हुई। JPSC अपना स्टैंड बदल रही है। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता वी मोहना ने पूरी प्रक्रिया को सही ठहराया है। बता दै्याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पहले बताया था कि पेपर वन का मार्क रिटेन एग्जाम के दौरान ही जोड़ा जाना चाहिए ताकि उस आधार पर अन्य अभ्यर्थी को भी साक्षात्कार में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि आयोग ने किसी भी तरह के सर्कुलर में कोई बदलाव नहीं किया है, जिस पर अदालत ने उन्हें लिखित जवाब पेश करने को कहा था।  


क्या कहते हैं अधिवक्ता 
रिजल्ट में बाहर किए गए अभ्यर्थियों का पक्ष अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने रखा। पीएस पटवालिया ने जेपीएससी के द्वारा रिवाइज रिजल्ट के मार्किंग पैटर्न को सही बताया है। वहीं कपिल सिब्बल बताया कि जेपीएससी ने कई बार अपना स्टैंड बदला है इसलिए पेपर वन का अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ सकता। वह पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में हो रही है।


अहम होगा फैसला 
वहीं राज्य सरकार के ने झारखंड हाईकोर्ट के खंडपीठ के फैसले पर सहमति जताई गई है और रिवाइज रिजल्ट को सही ठहराया गया है। रिजल्ट से बाहर हुए अभ्यर्थियों की नजर सुप्रीम कोर्ट से आने वाले आदेश पर टिकी हुई है। देखना अहम होगा कि अगली सुनवाई में क्या फैसला आता है।