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HC : असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में नया मोड़, JPSC ने कहा गलती से लिख दिया था कि रिजल्ट में गड़बड़ी है

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रांचीः
जेपीएससी और विवादों का एक दूसरे से गहरा नाता रहा है, ऐसी कोई भी परीक्षा नहीं हुई है जिसमें विवाद ना रहा हो। अब असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में नया मोड़ आ गया है। जेपीएससी का कहना है कि उसने गलती से गलत लिख दिया था। असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी नहीं है। गौरतलब है कि इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आरक्षण कैटेगरी का अभ्यर्थी अनारक्षित में सिलेक्ट हो जाता है तो वह गलत नहीं है। जेपीएससी ने जो रिजल्ट जारी किया है वह विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक है। अनारक्षित कैटेगरी में आरक्षित कैटेगरी के अभ्यर्थी को एडजस्ट किया गया है। जो कि गलत नहीं है। जो भी प्रक्रिया अपनाई गई है यह नियम संगत है।

 

14 जून को अगली सुनवाई

इस पर याचिकाकर्ता के वकील अमृतांश वत्स ने कहा कि इसी को आरक्षण कहते हैं। महााधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट दिखाएं तो याचिकाकर्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दिखाते हुए कहा कि इसी तरह मामला राजस्थान हाई कोर्ट का भी फैसला आया है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता और जेपीएससी ने कोर्ट से अपनी गलती सुधारने के लिए समय की मांग की है। इसका याचिकाकर्ता ने विरोध करते हुए कहा कि यह कानूनी रूप से गलत है।

 

जेपीएससी ने कहा कि उन्हें अपनी गलती सुधारने के लिए समय दिया जाए। इस मामले की सुनवाई 14 जून को होगी। बता दें कि पिछली सुनवाई में जेपीएससी ने माना था गलती हो गई। जेपीएससी ने हाई कोर्ट से कहा गलती से गलत लिख दिया, असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी नहीं है। बुधवार की सुनवाई जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में हुई। 

 

6 जून को हुई थी सुनवाई 
बता दें की 6 जून को हुई सुनवाई के दौरान जेपीएससी और राज्य सरकार ने शपथ पत्र दिया था। जेपीएससी ने माना था कि गलती से उसने पीटी में आरक्षण दिया है। कोर्ट ने पूछा था कि जब इंटरव्यू जुलाई में तय थी तो पहले कराने की क्या जरूरत थी। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जेपीएससी से कहा था कि आप हजारों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।