रांची
राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के बजट में कटौती को लेकर उठे सवालों पर कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने माना कि मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 लाख लाभुकों को अब तक सम्मान राशि नहीं मिल सकी है। इसकी मुख्य वजह उनके बैंक खातों का आधार से लिंक न होना है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद लाभुकों को यह राशि भेजी जाएगी।
कल्याण मंत्री ने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि पहले हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को स्वयं चावल और सब्जी लानी पड़ती थी, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे बदल दिया है। पोषण योजना के तहत अब हॉस्टल में रहने वाले हर बच्चे को 3000 रुपये का मुफ्त भोजन मिलेगा, जो तय मेनू के अनुसार दिया जाएगा। साथ ही, कुक, सफाई कर्मी और लाइब्रेरियन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। मंत्री ने बताया कि इस योजना के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
बजट कटौती पर उठे सवालों का जवाब
बजट में कटौती को लेकर विपक्ष की आपत्तियों का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना को सीधे अपने नियंत्रण में ले लिया है, जिससे कल्याण विभाग के बजट में 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक की कटौती हुई है। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 27% और जनजातीय आरक्षण 28% करने की मांग स्वीकार कर ली गई है। साथ ही, ओबीसी वर्ग के लिए छात्रवृत्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
शिक्षा पर रहेगा कल्याण विभाग का फोकस
विपक्ष के उठाए कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि कल्याण विभाग का मुख्य जोर एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के बच्चों की शिक्षा पर रहेगा। यदि किसी योजना में बजट में कटौती की जाती है, तो भी यह राशि शिक्षा के क्षेत्र में ही खर्च होगी।
उन्होंने बताया कि 100 छात्र और 100 छात्राओं को इंजीनियरिंग व मेडिकल की कोचिंग की सुविधा मिलेगी। इसके तहत छात्रों के लिए हिन्दपीढ़ी और छात्राओं के लिए नगड़ा टोली में कोचिंग सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा, जनजाति और ओबीसी वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा जाएगा।
उच्च शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार
राज्य सरकार उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को विदेश भेजने की योजना चला रही है। साथ ही, पलामू और रांची में सात मंजिला छात्रावास बनाए जा रहे हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार में जनजातीय सब प्लान के फंड का भी ठीक से उपयोग नहीं होता था, लेकिन अब सरकार ने जनजातीय और जाति आयोग गठन का प्रस्ताव आगे बढ़ाया है।
इसके अलावा, इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 60 एकलव्य विद्यालय संचालित किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने प्रत्येक विद्यालय में एक शिक्षक नियुक्त किया है, जबकि राज्य सरकार अतिरिक्त शिक्षकों की भर्ती करेगी।