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48 हत्या, 72 मुकदमे और 15 लाख का इनाम; सरेंडर करने वाले नक्सली ने खोले ये राज

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द फॉलोअप डेस्क 
चतरा में आज प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के एक सदस्य ने सरेंडर किया है। इस नक्सली पर 48 जवानों की हत्या का आरोप है। अलग-अलग थानों में 72 मुकदमे दर्ज हैं और सरकार ने इस नक्सली पर 15 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। गिरफ्तार नक्सली का नाम नवीन यादव है। वो भाकपा माओवादी संगठन के रीजनल कमेटी का सदस्या रहा है। यादव ने चतरा डीसी अबु इमारन, एसपी राकेश रंजन औऱ अन्य सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में सरेंडर किया है। पुलिस सरेंडर को साल के अंतिम महीनों में बड़ी सफलता बता रही है। 

इस कारण किया सरेंडर 

मौके पर मौजूद पर अधिकारियों ने बताया कि नवीन यादव ने सरकार की संशोधित आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर और पुलिस की रोज-रोज की दबिश से परेशान होकर सरेंडर किया है। गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने हाल ही में आत्मसमर्पण नीति में बदलाव किये हैं। इसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सिलियों को कानूनी राहत के साथ उनके पुनर्वास, उनके परिवार की देखभाल, भूमि और सरकारी नौकरी तक का प्रावधान किया गया है। यादव को सरेंडर करने के बाद सरकार की ओर से ये सभी सुविधाएं मिलेंगी। एसपी ने बताया कि फिलहाल यादव को सरेंडर नीति के तहत हजारीबाग के खुला जेल में रखा जायेगा। नवीन यादव चतरा के बांसबूटा गांव का रहने वाला है। 

नवीन क्यों बना था नक्सली 
सरेंडर करने के बाद नवीन यादव ने बताया कि चेचेर भाई से भूमि विवाद के कारण उसने माओवादी संगठन ज्वाइन कर लिया था। 2000 में भूमि को लेकर उसके अपने ही परिवार के लोगों से धोखा मिला। पंचायत से भी न्याय नहीं मिला। तब हारकर वो नक्सली बन गया। तेज तर्रार होन के काऱण शुरुआत से ही से संगठन ने सक्रिय जिम्मेदारी सौंपी। यादव को ग्रामीणों को संगठन से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गयी। इसमें नवीन ने अच्छी भूमिका निभाई। उसके काम को देखकर 2003 में उसे संगठन का एलओएस बनाया गया। इसके बाद उसने लेवी आदि के लिए कई हिंसक कारनामे अंजाम दिये। इस दौरान हिंसक झड़पों में अलग-अलग स्थानों पर उसके दल द्वारा 48 जवान मारे गये। इससे संबंधित 72 मुकदमे यादव के खिलाफ दर्ज हैं।