द फॉलोअप डेस्क
पदोन्नति और पदस्थापन के समय मंत्रिमंडल निगरानी विभाग से स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करने में राज्य कर्मियों को अब आसानी होगी। महीनों तक उन्हें स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया है। एचआरएमएस के तहत इस नयी तकनीक को अमल में लाने संबंधी प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही इस पर सरकार अर्थात कैबिनेट की भी स्वीकृति ले ली जाएगी।
कार्मिक ने माना स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करने में काफी विलंब होता है
कार्मिक विभाग का मानना है कि पदोन्नति का अर्थ सामान्यतया कर्मियों को वरीयता सह योग्यता के आधार पर उच्च पद प्रदान करना है। लेकिन इस प्रक्रिया से कर्मियों में आत्म विश्वास, संतोष एवं प्रेरणा में वृद्धि के साथ साथ कार्यालय या विभाग की दक्षता व कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है। लेकिन पदोन्नति पर विचार करते समय उस कर्मी की वार्षिक गोपनीय अभियुक्ति, विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता, विभागीय आरोप, संपत्ति विवरणी के अलावा निगरानी स्वच्छता प्रमाण पत्र पर भी विचार किया जाता है। लेकिन मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त रकने में अनावश्यक विलंब होता है। इससे पदाधिकारियों की पदोन्नति विलंबित होती है। इसको ध्यान में रखते हुए कार्मिक ने एचआरएमएस के तहत विजिलेंस क्लियरेंस इन्फॉर्मेशन सिस्टम (वीसीआएस) डेवलप किया है। यह व्यवस्था ऑनलाइन होगी और वर्तमान वित्तीय वर्ष से लागू होगी।
राज्यकर्मी ऐसे प्राप्त करेंगे ऑनलाइन स्वच्छता प्रमाण पत्र
इसके लिए किसी भी पदाधिकारी को http://hrms.jharkhand.gov.in पर लॉगिंग कर एक्सेस किया जाएगा। फिर विजिलेंस क्लियरेंस सिस्टम में इंप्लॉय कॉर्नर, एबीसी, टेक्निकल इवैल्युएशन, कैबिनेट विजिलेंस और संबंधित डिपार्टमेंट अपना-अपना अनुमोदन करेगा। हालांकि इसके लिए पदाधिकारियों को भी यह जिम्मेदारी तय की गयी है कि वह अपने पदस्थापन संबंधी विवरणी को एचआरएमएस पर अद्यतन रखें। विभाग भी अपने पदाधिकारियों और कर्मचारियों की विवरणी को इस प्रणाली के तहत अद्यतन कराए। इस प्रणाली में किसी भी पदाधिकारी के विरुद्ध दर्ज मामलों के संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, तकनीकी मूल्यांकन कोषांग तथा मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के द्वारा ऑनलाइन सूचना अंकित की जाएगी। इन सूचनाओं के आलोक में निगरानी विभाग द्वारा स्वच्छता प्रमाण पत्र जेनरेट किया जाएगा। एसीबी प्रत्येक माह की पांच तारीख को किसी पदाधिकारी के विरुद्ध दर्ज मामलों या निष्पादित मामलों के संबंध में जानकारी वीसीआईएस पर अद्यतन करेगा। फिर जेनरेटेड निगरानी स्वच्छता प्रमाण पत्र अगले माह की 15 वीं तारीख तक वैध होगी।